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इस योजनाका शुभारम्भ राज्य सरकार द्वारा राज्य के अनाथ बच्चो को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है ।
इस योजना के अंतर्गत राज्य के अनाथ बच्चो को या जिनके माता पिता मर गए है उन अनाथ बच्चो के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाएगी बल्कि समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत पालनहार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चो के लिए 500 रूपये प्रतिमाह
और स्कूल में प्रवेश होने के बाद 18 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 1000 रूपये की अनुदान धनराशि राजस्थान सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
तथा वस्त्र ,स्वेटर जुटे एवं अन्य आवश्यक कार्य हेतु 2000 रूपये की धनराशि प्रति वर्ष
(विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोडकर) प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है।
अनाथ बच्चे
न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
एड्स पीडित माता/पिता की संतान
कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
विकलांग माता/पिता की संतान
तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
इस योजना के तहत हर अनाथ बच्चे एवं पात्र बच्चे को 5 वर्ष की आयु तक 500 रूपये धनराशि प्रतिमाह प्रदान की जाएगी।
स्कूल में दाखिला लेने के बाद से 18 वर्ष के होने तक 1,000 रूपये हर माह दिए जायेंगे।
और बच्चो को उनके कपड़ो, जूते इत्यादि के लिए 2,000 रूपये प्रतिवर्ष अलग से दिए जायेंगे।
पालनहार योजना राजस्थान 2020 की पात्रता
इस योजना के तहत आवेदक राजस्थन के स्थायी निवासी होने चाहिए।
पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ऐसे अनाथ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केन्द्र पर तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है।
पालनहार का आधार कार्ड
भामाशाह कार्ड
मूल निवास प्रमाण पत्र
राशन कार्ड , पहचान पत्र
बच्चे का आंगनबाड़ी में पंजीकरण का प्रमाण पत्र
बच्चे का आधार कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो