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नई शिक्षा निति 2020,New Education Policy

नई शिक्षा निति 2020, New Education Policy

 

मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय देश की शिक्षा निति में बदलाव किया है ये बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर

के कस्तूरीरंगन अध्यक्षता में किया गया है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में क्या बदलाव किया गया है।

इसका उद्देश्य क्या है पूरी जानकारी  पोस्ट को पूरी पढ़े।

 

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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है। भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। नई शिक्षा निति के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा निति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।

 

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नई शिक्षा निति का उद्देश्य

भारत मैं प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

 

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नई शिक्षा निति की विशेषता

. मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा

. छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी

. पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी और 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा होगी।

. छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई जाएगी।

. सभी स्कूल डिजिटल इक्विप्ड किए जाएंगे।

. सभी प्रकार की इकॉन्टेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।

. वर्चुअल लैब डिवेलप की जाएंगी।

. पहले साइंस, कॉमर्स तथा अर्ट स्ट्रीम होती थी। अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी। छात्र अपनी इच्छा अनुसार विषय चुन सकते हैं। छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई सब्जेक्ट भी पढ़ सकते हैं।

 

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नई शिक्षा निति 2020 की मुख्य बाते

. उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कई प्रविष्ठियां और निकास बिंदु होंगे

. एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का गठन किया जाएगा जिसमें छात्रों द्वारा अर्जित किया गए डिजिटल अकैडमी क्रेडिट हो विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा और इसे अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया जाएगा और गिना जाएगा

. ईलर्निंग पर जोर देकर पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम करना भी इस नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य है

. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी

. 2030 तक हर जिले में कम से कम एक बड़ी बहु विषयक उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा

. 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहू विषय संस्थान बनाने का लक्ष्य इस नई शिक्षा नीति में रखा गया है

. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के पास चार वर्टिकल होंगे जो कि नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल,

जनरल एजुकेशन काउंसिल, हायर एजुकेशन काउंसिल तथा नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल होगा

. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकारी तथा प्राइवेट शिक्षा मानव एक समान होंगे

तथा दिव्यांग जनों के लिए शिक्षा में बदलाव किया जाएगा

 

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नई शिक्षा निति के लाभ

. नेशनल एजुकेशन पालिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा

. बोर्ड परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा, ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षाएं ली जाए

जिनके लेबर कार्ड बने हुए हैं उनके खातों में आए 2500 सो रुपए यदि आपके नहीं आए तो देखे लिस्ट में अपना नाम

. हाइर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है

. पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का विकल्प रखा जाएगा। छात्र अगर चाहे तो यह भाषाएं पढ़ सकते हैं

. छात्रों को 3 भाषा सिखाई जाएंगी जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे

. नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा

 

 

 

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