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NGO जिसे अग्रेजी मे नॉन गवर्नमेंट ऑर्गनाइज़ेशन (Non Governmant Organization) के नाम से जानते है |
जेसा की हम नाम को पढ़ कर ही यह पता लगा सकते है की इन संस्थाओं पर सरकारी सरकार की भूमिका नही होती है |
NGO – गैर सरकारी संगठन है जिसे समाज के एसे लोग जिनके पास अच्छा पेसा होता है
एवं अच्छा व्यवसाय होता है एसे लोग मिलकर NGO बनाते है |
NGO के माध्यम से समाज मे सामाजिक कार्यो को बिना किसी भेद भाव से किया जाता है |
अगर आप NGO बनाने की सोच रहे है तो आप को यह जानना बहुत जरूरी है की NGO कितने प्रकार के होते है –
ट्रस्ट अधिनियम – भारत मे संघराज्य प्रणाली लागू है जिसके तहत अलग-अलग राज्यों मे अपने हिसाब से Trust अधिनियम होते है,
लेकिन जिन राज्यों मे ट्रस्ट अधिनियम नही होता है उन राज्यों मे 1882 Trust Act लागू है
1882 Trust Act के अंतरगत पंजीकरण के लिए कम से कम दो Trustees का होना जरूरी होता है |
इस अधिनियम के अंतरगत NGO एवं TRUST का पंजीकरण करने के लिए
आपको Charity Commissioner ya Registrar के office में आवेदन देना होगा |
ट्रस्ट के पंजीकरण (Registration) में Deed नाम का Documents बनता है,
सोसायटी अधिनियम (Society Act) के अंतर्गत NGO के पंजीयन (Registration) के लिए Memorandum Of Association And Rules And Regulation Documents की जरूरी होती है |
सोसायटी अधिनियम (Society Act) के अंतर्गत NGO का रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाने के लिए कम से कम 7 सदस्यों का होना आवश्यक है |
कंपनी अधिनियम (Company Act) के अंतर्गत NGO के रजिस्ट्रेशन (Registration) करने के लिए Memorwndum And Articles Of Association And Regulation Docoment की आवश्यकता होती है |
कंपनी अधिनियम (Company Act) के अंतर्गत NGO के रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाने के लिए कम से कम 3 सदस्यों का होना जरूरी है |
NGO कितने प्रकार के होते है