रेलवे में हजारों पदों पर निकली भर्ती जानें पूरी खबर
सरकारी नौकरी की तलाश में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है।
केंद्र और राज्य के सरकारी विभागों में हजारों रिक्त पदों पर भर्तियां निकली है।
इन पर आठवीं और दसवीं से पीजी डिग्री धारी युवा ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड पश्चिम रेलवे ने नर्सिंग स्टाफ के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना के मुताबिक कुल 18 खाली पदों पर नियुक्तियां होनी है ऐसे में जो भी उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं वह पश्चिमी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट wr.indianrailways.gov.in पर जाकर भर्ती से संबंधित डिटेल जानकारी हासिल कर सकते है।
ध्यान दे की इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के जरिए होगा
एसएससी ऑफिसर के पदों पर निकली भर्ती जानें पूरी खबर
बीई बीटेक पास उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है।
भारतीय नौसेना ने हाल ही में 50 एसएससी अधिकारी कार्य कार्य शाखा के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं।
इसके लिए उम्मीदवार 26 जून से पहले आधिकारिक वेबसाइट www.joinindiannavy.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
नेवल ओरियंटेशन कोर्स भारतीय नौसेना अकादमी अजुमाला केरल में जनवरी 2022 से शुरू होगा।
चयनित उम्मीदवारों को दो अलग-अलग पाठ्यक्रम ओ जनरल सर्विस कार्यकारी और हाइड्रोग्राफी की ट्रेनिंग लेनी होगी।
महत्वपूर्ण तिथियां
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 26 जून 2021
ऐसे करे आवेदन
इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 60% अंकों के साथ किसी भी विषय से भी या बीटेक में पास होना जरूरी है।
इसके अलावा जिन उम्मीदवारों ने सीजीपीए में न्यूनतम 60% अंकों के साथ ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
20 लाख करोड़ का पैकेज 2020-21 के स्वीकृत बजट यानी 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है.
इस आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने की कोशिश की जाएग
हर स्तर के लिए कुछ न कुछ होगा.
ये आर्थिक पैकेज भारत की जीडीपी का करीब 10 प्रतिशत है
PM ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए किया ऐलान
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को पांचवीं बार संबोधित किया. रात 8 बजे अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. पुराने पैकेज मिलाकर ये कुल 20 लाख करोड़ का पैकेज है. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बताएंगी कि ये आर्थिक पैकेज कहां और कैसे खर्च होगा. हालांकि इस पैकेज में पहले से चल रहे कई योजनाओं को भी शामिल किया गया है. अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा. ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है. सबसे अहम ये है कि ये आर्थिक पैकेज उन लोगों के लिए है जो कोरोना के चक्र में बुरी तरह फंस गए हैं. प्रधानमंत्री ने साफ किया इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिक, किसान और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. साथ ही आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा.
20 लाख करोड़ का पैकेज 2020-21 के स्वीकृत बजट यानि 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है. अब बड़ा सवाल उठता है कि इतनी बड़ी रकम कहां से आएगी. किस मद से इसे दिया जाएगा. हालांकि, ये साफ है कि इस पैकेज में पहले से घोषित आर्थिक पैकेज शामिल हैं.
पैकेज को लेकर बहुत कुछ साफ होना बाकी…
20 लाख करोड़ का पैकेज 2020-21 के स्वीकृत बजट यानी 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है
प्रधानमंत्री मोदी ने काफी पहले मेक इन इंडिया का नारा दिया था. कोरोना काल ने उसको आगे बढ़ाने का एक मौका दे दिया है. अब हिंदुस्तान के लोग अपने हुनर और कौशल से कोरोना से लड़ेंगे और डूबती अर्थव्यवस्था के तारणहार बनेंगे. इस आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने की कोशिश की जाएगी. हालांकि पैकेज को लेकर अभी बहुत कुछ साफ होना बाकी है
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20 लाख करोड़ का पैकेज 2020-21 के स्वीकृत बजट यानी 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है
हर स्तर के लिए कुछ न कुछ होगा
वित्त मंत्रालय के प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने कहा कि समाज के हर वर्ग को आर्थिक पैकेज का लाभ मिलेगा. आजतक से खास बातचीत में संजीव सान्याल ने कहा कि यह छोटा पैकेज नहीं है, 20 लाख करोड़ रुपये है. उद्योग सेक्टर की जो मांग थी, ये उससे कहीं अधिक है. हमारी कोशिश रही है कि समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ मिले. हर स्तर के लिए कुछ न कुछ होगा.
वित्त मंत्रालय के प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर ने कहा कि आर्थिक पैकेज की डिटेल एक बार में सामने नहीं आएगी. इसके लिए कई स्टेज लगेंगे. बहुत विस्तार में बताने पर समय लगेगा. अगले दो-तीन दिन में आर्थिक पैकेज से जुड़ी सभी जानकारी लोगों के सामने रखी जाएंगी.
कोरोना संकट के बीच इन दिनों देशभर में राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की चर्चा हो रही है. देश के 15 से ज्यादा राज्यों ने राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी को मंजूरी दे दी है।
लेकिन सवाल है कि ये क्या है और इसका फायदा आम लोगों को कैसे मिलेगा. आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
देश के 15 से अधिक राज्यों में लागू है ।
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा।
जिस तरह मोबाइल नंबर (MNP) करते हैं, वैसे ही अब राशन कार्ड को भी पोर्ट कराया जा सकेगा. मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसी तरह राशन कार्ड इस( mnp )में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा. मतलब ये कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं.
मान लीजिए कि सुधीर कुमार बिहार का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी बिहार का है. वह इस राशन कार्ड के जरिए उत्तर प्रदेश या दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा.
मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा. वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है. अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी.मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे.
किन राज्यों में है लागू?
बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है।इसे लागू करने वालों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य भी शामिल हैं. ये देशभर में 1 जून से लागू हो जाएगा.
इन 3 तरीकों से देख सकते हैं अपने जनधन खाते का बैलेंस, आप भी जाने
जनधन खातों से जुड़ी बड़ी खबर
Corona महामारी के बढ़ते खतरे को देखकर देश में लॉक डाउन किया गया था जैसे 1 महीने से अधिक का वक्त गुजर चुका है | इस कोरोनावायरस डाउन के दौर में केंद्र ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मदद देने के लिए आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की थी|
इसमें किसान, बुजुर्ग, महिलाएं सहित सभी अन्य वर्गों को मदद पहुंचाई गई थी।
सरकार ने देश की 20 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के जनधन खातों में सरकार ने 500-500 रुपए जमा किए थे। सरकारी की ओर से घोषणा की जा चुकी है कि जनधन खाताधारक इन महिलाओं को तीन महीने तक लगातार 500-500 रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। महिलाओं के बैंक में सरकार द्वारा जमा की गई राशि पहुंची या नहीं, इन तीन तरीकों से बैंक बैलेंस पता कर आसानी से जाना जा सकता है।
मिस्ड कॉल से करें पता
भारतीय स्टेट बैंक SBI ने अपने खाताधारकों के लिए यह सुविधा शुरू की है। कोई भी जनधन खाताधारक 18004253800 या फिर 1800112211 पर मिस्ड कॉल करके अपना बैलेंस जान सकते हैं।
अकाउंट होल्डर को रजिस्टर्ड फोन नंबर से इन नंबरों पर कॉल करना होगा। इसके अलावा बैंक में रजिस्टर्ड कराए गए मोबाइल नंबर से 9223766666 पर भी कॉल कर यह जानकारी ली जा सकती है। अलग-अलग बैंकों के लिए यह नंबर अलग-अलग हो सकता है।
PFMS Portal के जरिये
सरकार ने डायरेक्टर बेनेफिट ट्रांसजेक्शन यानि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण भुगतान के लिए PFMS Portal शुरू किया है। इस पोर्टल की मदद से भी बैंक बैलेंस की जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके लिए वेबसाइट https://pfms.nic.in/NewDefaultHome.aspx# पर क्लिक करें। इसके बाद सबसे पहले Know your Payment पर क्लिक करें।
इसके बाद एक नया पेज खुलेगा, जिसमें सबसे पहले अपने बैंक का नाम लिखें और इसके बाद खाता नंबर दो बार डालें। इसके बाद कैप्चा कोड लिखकर सर्च करें। यह प्रक्रिया अगर सही तरह से की है तो खाते की जानकारी शो हो जाएगी।
सीधा बैंक जाकर लें जानकारी
जनधन खाताधारक सीधे नजदीकी बैंक में जाकर भी अपने बैंक बैलेंस की जानकारी हासिल कर सकते हैं। बैंक काउंटर से पता लग सकता है कि आपके खाते में राशि जमा हुई या नहीं।
IIT में M.Tech समेत इस साल नहीं बढ़ेगी किसी भी कोर्स की फीस
कोरोना वायरस प्रकोप के दौरान छात्रों को सरकार ने बड़ी राहत दी है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIS) अपने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए किसी भी कोर्स के लिए फीस में वृद्धि नहीं कर सकते हैं,
इस बात की जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को दी.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
ये फैसला “आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और आईआईटी के निदेशकों के साथ विचार परामर्श के बाद लिया गया है.
Covid-19:के प्रकोप में सरकार ने दी राहत
ये संस्थान किसी भी कोर्स के लिए शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए शिक्षण फीस में वृद्धि नहीं कर सकते हैं.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें
आपको बता दें, पिछले साल IIT में मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) कोर्सेज की फीस में 900 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया गया था. 2020 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले तीन साल के कोर्स में फीस को बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जाना था, लेकिन फिलहाल फीस में किसी भी तरह की बढ़ोतरी होने पर रोक लगा दी गई है. यहीं नहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIS) ने अपने अंडरग्रेजुएशन प्रोग्राम कोर्स के छात्रों को 10 प्रतिशत की छूट भी दी है.
जब मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) की ओर से IIT में मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) कोर्सेज की फीस में 900 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया था, उसके बाद फीस बढ़ने के खिलाफ ऑल इंडिया इंजीनियरिंग स्टूडेंट काउंसिल सामने आया और बढ़ी हुई फीस के खिलाफ आवाज उठाई थी.
दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग (WCD) ने 187 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं
दिल्ली सरकार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पोशन अभियान के कार्यान्वयन के लिए यह भर्ती कर रही है.
इसके तहत कंसल्टेंट, अकाउंटेंट और अन्य कई पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. इच्छुक व योग्य उम्मीदवार 11 मई 2020 तक इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे. WCD भर्ती के लिए पदों और वेतन का विवरण…
शैक्षणिक योग्यताएं…
WCD Delhi Recruitment 2020
कंसल्टेंट (हेल्थ एंड न्यूट्रीशन) के पद पर आवेदन के लिए उम्मीदवार के पास संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री का होना आवश्यक है. साथ ही डेवलपमेंट कम्युनिटी मेडिसिन में 55 फीसदी अंकों के साथ डिग्री भी जरूरी है. कंसल्टेंट (कैपेसिटी एंड बिल्डिंग बीसीसी) पद के लिए आवेदन कर रहे उम्मीदवार के पास सोशल साइंस/हेल्थ कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री का होना आवश्यक है. UPPSC ने DSP-RFO समेत सैकड़ों पदों पर निकाली भर्ती, 1.7 लाख तक होगी सैलरी, करें आवेदन ऑफिस मैसेंजर/चपरासी के पद पर आवेदन कर रहे उम्मीदवारों के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 10वीं पास होना आवश्यक है. ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, ब्लॉक प्रोजेक्ट असिस्टेंट के लिए ग्रेजुएट होना आवश्यक है.
Indian Council of Medical Research (ICMR) Recruitment 2020: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कई पदों पर भर्ती निकाली है. इन पदों पर भर्ती के लिए ICMR की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एवं रिसर्च (NICPR) ने इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत आप सीधे इंटरव्यू से नौकरी पा सकते हैं. यह इंटरव्यू 23 और 25 अप्रैल को कंडक्ट किए जाएंगे. लॉकडाउन के कारण इस इंटरव्यू में शामिल न हो पाने वाले उम्मीदवारों के लिए व्हाट्सऐप से इंटरव्यू देने की व्यवस्था की गई है.
इस भर्ती के तहत डाटा एंट्री ऑपरेटर, मल्टी टास्किंग स्टाफ, टेक्निशियन और टेक्निकल ऑफिसर समेत 117 पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. उम्मीदवार वॉक-इन-इंटरव्यू द्वारा इस नौकरी को पा सकते हैं. आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक यह भर्ती अस्थायी आधार पर की जाएगी.
इंटरव्यू में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अपने सभी दस्तावेजों और उसकी फोटो कॉपी के साथ नोएडा सेक्टर 39 स्थित दिए गए पते पर ले जाना होगा. इस इंटरव्यू में शामिल होने वाले किसी भी उम्मीदवार को ट्रैवल पास जैसी सुविधा नहीं दी जाएगी.
व्हाट्सऐप द्वारा इंटरव्यू में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को सबसे पहले ईमेल आईडी recruitmentnicpr@gmail.com पर मेल करना होगा. इसके बाद उनके आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी. चयनित उम्मदवारों को किसी प्रकार का प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ, एचआरए, सीटीसी, मेडिकल क्लेम, इंश्योरेंस, आदि की सुविधा नहीं दी जाएगी.
भर्ती की प्रक्रिया से संबंधित अन्य किसी भी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें .
सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों के 100 फीसदी पद अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित करने के जनवरी 2000 का अविभाजित आंध्र प्रदेश का आदेश बुधवार को निरस्त कर दिया.
न्यायालय ने कहा कि यह ‘मनमाना’ है और संविधान के अंतर्गत इसकी इजाजत नहीं है. न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि 100 फीसदी आरक्षण प्रदान करना ‘अनुचित’ होगा और कोई भी कानून यह अनुमति नहीं देता है कि अधिसूचित इलाकों में सिर्फ आदिवासी शिक्षक ही पढ़ाएंगे. संविधान पीठ ने अपने निर्णय में 1992 के इन्दिरा साहनी फैसले का जिक्र किया. पीठ ने कहा कि इस फैसले में शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि संविधान निर्माताओं ने कभी भी यह परिकल्पना नहीं की थी कि सभी स्थानों के लिए आरक्षण होगा संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस शामिल थे. पीठ ने कहा कि 1992 के फैसले के अनुसार विशेष मामले में ही 50 प्रतिशत की सीमा से ज्यादा आरक्षण दिया जा सकता है लेकिन इसमें बहुत ही सतर्कता बरतनी होगी.
आरक्षण का आदेश रद्द
पीठ ने कहा, “अधिसूचित इलाकों में 100 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने के लिए कोई असाधारण परिस्थितियां नहीं थीं. यह बेतुका विचार है कि आदिवासियों को सिर्फ आदिवासियों द्वारा ही पढ़ाया जाना चाहिए. यह समझ से परे है कि जब दूसरे स्थानीय निवासी हैं तो वे क्यों नहीं पढ़ा सकते.” पीठ ने कहा कि यह कार्रवाई तर्को के परे है और मनमानी है. शत प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके मेरिट को इससे वंचित नहीं किया जा सकता. पीठ ने कहा कि 100 फीसदी आरक्षण प्रदान करने संबंधी आदेश मनमाना, गैरकानूनी और असंवैधानिक है. पीठ ने अपने 152 पेज के फैसले में कहा कि यह स्पष्ट है कि आजादी हासिल करने के 72 साल से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद हम अभी तक समाज के निचले स्तर अर्थात् वंचित वर्ग तक यह लाभ नहीं पहुंचा सके हैं. पीठ ने अपने फैसले में इस तथ्य का भी जिक्र किया कि 1986 में भी तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार ने इसी तरह का आदेश दिया था जिसे राज्य प्रशासनिक अधिकरण ने रद्द कर दिया था. अधिकरण के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की गयी थी लेकिन 1998 में इसे वापस ले लिया गया था. पीठ ने कहा कि यह अपील वापस लिये जाने के बाद अपेक्षा की जा रही थी कि तत्कालीन आंध्र प्रदेश 100 फीसदी आरक्षण प्रदान करने की कवायद दुबारा नहीं करेगा. पीठ ने कहा कि विचित्र परिस्थितियों को देखते हुए हम इस शर्त के साथ नियुक्तियों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भविष्य में दुबारा ऐसा नहीं करेंगे और यदि वे ऐसा करते हैं और आरक्षण की सीमा लांघते हैं तो उनके लिये 1986 से आज तक की गयी नियुक्तियों के बचाव के लिये कुछ नही होगा. न्यायालय ने इस अपील पर पांच लाख रूपये का अर्थदंड भी लगाया जिसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को बराबर बराबर वहन करना होगा.
कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते सरकार ने छात्र हितों को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है।
राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षण व प्रशिक्षण तथा सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षाएं आगामी आदेशों तक स्थगित रखने का निर्णय लिया है!
भंवर सिंह भाटी राज्यमंत्री बताया की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते सरकार ने विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण तथा सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षाएं आगामी आदेशों तक स्थगित रखने का निर्णय लिया था।
विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी या अकादमिक हानि नहीं हो।
इसे दृष्टिगत रखते हुए स्थगित परीक्षाओं एवं आगामी सत्र प्रारंभ करने के संदर्भ में सुझाव देने हेतु प्रोफेसर आरके कोठारी,कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के संयोजन में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई।
सीमित ने अपनी रिपोर्ट 11 अप्रैल 2020 को राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी।
समिति द्वारा की गई अनुशंषाओं के आधार पर छात्रहित राज्य सरकार द्वारा निश्चय किया गया।
राजस्थान विश्वविद्यालय
दिनांक 16 अप्रैल 2020 से 31 मई 2020 तक समस्त राजकीय एवं गैर राजकीय महाविद्यालय में ग्रीष्म अवकाश घोषित किया जाता है | परिस्थितियां अनुकूल होने पर स्थगित परीक्षाओं को कोविड-19 से बचाव हेतु सरकार द्वारा जारी निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए स्नातक एवं स्नातकोत्तर की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन जून 2020 के प्रथम सप्ताह से एवं स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर पूर्वार्ध ,वार्षिक, सेमेस्टर परीक्षाओं सहित अन्य परीक्षाएं 15 जून के पश्चात आयोजित की जाएंगी |प्रायोगिक परीक्षाएं भी मुख्य परीक्षा के साथ या उसके तुरंत बाद कराई जाएंगी | परिस्थितियां अनुकूल होने पर नवीन अकादमिक सत्र 1 जून 2020 से आरंभ किया जाएगा|