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वित्त मंत्री का ऐलान-छोटे खादय-उधोगों को मिलेंगे 10 हजार करोड़।

वित्त मंत्री का ऐलान

  • वित्त मंत्री ने राहत की तीसरी किस्त का किया ऐलान

  • किसानों, ग्रामीण भारत के लिए राहत के बारे में बताया

कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मीडिया से रू-ब-रू हुई. उन्‍होंने आज आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों को लेकर विस्‍तार से जानकारी दी.

इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. राहत पैकेज की जानकारी देते हुए उन्होंने किसानों से जुड़े 8 ऐलान किए.

वित्त मंत्री का ऐलान

वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहें. छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है. वित्त मंत्री ने कहा कि दाल उत्पादन में हम दुनिया में तीसरे नंबर और गन्ना उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराया जाएगा. इसके तहत क्लस्टर आधार पर 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे ताकि वे ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बना सकें

मंत्री ने कहा कि इससे वेलनेस, हर्बल, ऑर्गेनिक आदि प्रोडक्ट तैयार करने वाले 2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज को फायदा होगा. मसलन बिहार में मखाना उत्पाद, कश्मीर में केसर, कर्नाटक में रागी उत्पादन, नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक फूड, तेलंगाना में हल्दी का उत्पादन बढ़ेगा.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम मोदी के विजन वोकल फॉर लोकल को अमल में लाने के उद्देश्य से 2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज की मदद के लिए एक योजना शुरू की जाएगी. स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों में सुधार, खुदरा बाजारों के साथ एकीकरण जैसे मुद्दों पर फोसक किया जाएगा.

एक देश, एक राशन कार्डः किसे मिलेगा,कैसे मिलेगा, कितना फायदा?

एक देश, एक राशन कार्ड

  • वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना अगस्त 2020 तक लागू होगी।

  • इससे देश के किसी भी हिस्से में डिपो से राशन ले सकते हैं।

  • मार्च 2021 तक शत प्रतिशत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी कर ली जाएग

  • सबसे महत्वपूर्ण घोषणा गरीबों के लिए हुई जिनके लिए वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना लागू करने की बात कही गई।

एक देश, एक राशन कार्ड

राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी

केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ प्रणाली की ओर आगे बढ़ने की घोषणा की। इस प्रणाली के आरंभ होने पर लाभार्थी देश में कहीं भी किसी भी राशन की दुकान से अपने कोटे का अनाज ले सकते हैं। प्रवासियों के लिये यह यह प्रणाली अत्यंत उपयोगी साबित होगी। इस योजना के लाभों को जानने के लिये मूल्य श्रृंखला में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कार्यकरण को समझना महत्त्वपूर्ण है।

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वन नेशन, वन राशन कार्ड की खास बातें

  1. गरीब प्रवासी मजदूर इस योजना के तहत देश के किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन प्राप्त कर सकते हैं।

  2. इसके लिए राशन कार्ड का आधार से लिंक होना आवश्यक है।

  3. प्रवासी सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी प्राप्त करने के योग्य होंगे।

  4. तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल तथा दो रुपये प्रति किलोग्राम गेंहू मिलेगा

  5. यह स्कीम 77 प्रतिशत राशन की दुकानों पर लागू की जा सकती है।

इस योजना को लागू करने का मूल उद्देश्य यह है कि देश का कोई भी गरीब व्यक्ति सब्सिडी आधारित खाद्यों से वंचित न रहे। यह योजना 77 प्रतिशत राशन की दुकानों पर लागू की जा सकती है। जहां पहले से ही पीओएस मशीन उपलब्ध है, साथ ही यह योजना उन 85 प्रतिशत लाभार्थियों को भी कवर करेगी जोराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आते हैं एवं उनके राशन कार्ड आधार से लिंक हैं।

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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम- 2013

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जनता को पोषक खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। खाद्य सुरक्षा विधेयक का खास जोर गरीब-से-गरीब व्यक्ति, महिलाओं और बच्चों की जरूरतें पूरी करने पर है।

इस कानून के तहत व्यवस्था की गई है कि लाभार्थियों को उनके लिए निर्धारित खाद्यान्न हर हाल में मिले, इसके लिये खाद्यान्न की आपूर्ति न होने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ते के भुगतान के नियम को जनवरी 2015 में लागू किया गया। पूरे देश में यह कानून लागू होने के बाद 81.34 करोड़ लोगों को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल दिया जा रहा है।
एक से अधिक राशन कार्ड रखने पर रोक लगाना
वन नेशन, वन राशन कार्ड प्रणाली प्रवासियों के प्रति उत्तरदायित्व से संबंधित है। लाभार्थियों की पहचान करने के कार्य में भारी लागत आती है फिर इसमें कई लोग शामिल होने से छूट जाते हैं। किसी भी प्रवासी को अपना निवास स्थान बदलने के बाद उसे पुनः अपनी पहचान स्थापित करने में मुश्किलों का सामना रना पड़ता है। चूंकी भारत में लोग रोजगार की तलाश में एक जगह से दूसरे जगह जाते हैं। इसलिए वन नेशन, वन राशन कार्ड उनके लिए लाभदायक होगी।

यदि इसके तहत प्रत्येक सदस्य के हिस्से का राशन किसी भी स्थान से प्राप्त करने का प्रावधान कर दिया जाए तो यह परिवारों को और अधिक लाभ पहुंचा सकता है। इससे प्रवासी सदस्य किसी भी जगह पर राशन प्राप्त कर सकेंगे, जबकि उनका परिवार अपने गांव में अपने हिस्से का राशन प्राप्त कर सकता है।

इसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों से लाभ उठाने के लिए एक से अधिक राशन कार्ड रखने पर रोक लगाना है , जिससे वास्तविक लाभ जरूरत मंद व्यक्ति तक पहुंच पाएगा।  यह योजना लोगों की खाद्य आवश्यकता के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए हर राज्य के अपने नियम हैं। यदि यह योजना लागू की जाती है, तो पहले से ही दूषित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और अधिक बढ़ सकता है। कुछ राज्यों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह संघवाद के खिलाफ है। इससे लागत बढ़ने की भी संभावना है। राशन की दुकानों पर अधिक भीड़ के कारण स्टॉक खत्म हो सकता है तथा लाभार्थियों को परेशानी हो सकती है।
‘एक देश-एक राशन कार्ड’ का एक पहलू ये भी
राशन का वितरण स्थानीय स्तर पर उचित मूल्य की दुकानों द्वारा किया जाता है। एक अध्ययन में तीन राज्यों  बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों ने डीलरों द्वारा भेदभाव की शिकायत की। यह भेदभाव विशेष रूप से महिलाओं के विरुद्ध और गुणवत्तायुक्त सेवाए प्रदान करने के संदर्भ में नजर आता है।

वन नेशन, वन राशन कार्ड लाभार्थियों को अपने पसंद के डीलर को चुनने का अवसर देगा। यदि कोई डीलर बुरा व्यवहार करता है या राशन के आवंटन में गड़बड़ी करता है तो लाभार्थी तुरंत किसी अन्य एफपीएस की सेवा ले सकता है।

इसके अतिरिक्त कमजोर समूहों के लिए सेवाओं की गुणवत्ता स्पष्ट रूप से निम्न प्रकृति की होती है। जहां सूचना की कमी, खराब अनाज एवं मिलावट, लंबी प्रतीक्षा अवधि आदि के रूप में भेदभाव के विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं और कई बार अपशब्दों का प्रयोग कर उन्हें अपमानित भी किया जाता है।

इसके साथ ही इन परिवारों के अधिकारों का हनन किया जाता है जैसे उन्हें निर्धारित मात्रा व गुणवत्ता का अनाज न मिलना या अधिक मूल्य चुकाना आदि। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रतिस्पर्द्धा के माध्यम से सुधार लाने की आवश्यकता है। ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ योजना सौदेबाजी की शक्ति को डीलर से लाभार्थी की ओर मोड़ सकती है।

इकोनॉमिक एडवाइजर- मोदी सरकार के 20 लाख करोड के आर्थिक पैकेज से किस-किसको होगा फायदा?

आर्थिक पैकेज से होगा फायदा

  • संजीव सान्याल ने कहा कि समाज के हर वर्ग आर्थिक पैकेज

  • बोले- पैकेज में समाज के हर स्तर के लिए कुछ न कुछ होगा

कोरोना संकट के मद्दनेजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर बनाने में नई गति देगा.इकोनॉमी को सुपर बूस्टर, पीएम मोदी ने किया 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलानआजतक से खास बातचीत में संजीव सान्याल ने कहा कि बड़े पैकेज की मांग की जा रही थी. यह आर्थिक पैकेज जीडीपी का 10 फीसदी है. यह छोटा पैकेज नहीं है, 20 लाख करोड़ रुपये है. उद्योग सेक्टर की जो मांग थी, वह उससे कई अधिक है. हमारी कोशिश रही है कि समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ मिले. हर स्तर के लिए कुछ न कुछ होगा.

आर्थिक पैकेज से होगा फायदा

 

दो-तीन स्टेज में मिलेगी जानकारी
वित्त मंत्रालय के प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने कहा कि आर्थिक पैकेज की डिटेल एक बार में सामने नहीं आएगी. इसके लिए कई स्टेज लगेंगे. बहुत विस्तार में बताने पर समय लगेगा. अगले दो-तीन दिनों में आर्थिक पैकेज से जुड़ी सभी जानकारी लोगों के सामने रखी जाएंगी.
पीएम मोदी का पूरा संबोधन पढ़ें…
जीडीपी का 10% है आर्थिक पैकेज
पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, वह रकम इतनी बड़ी है कि कई देशों के सालाना बजट इसमें समा जाएं. पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब दस प्रतिशत है, सबसे अहम ये है कि ये आर्थिक पैकेज उन लोगों के लिए है जो कोरोना के चक्र में बुरी तरह फंस गए हैं.

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इन लोगों को मिल सकता है फायदा..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों और किसान, मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा.

जाने कौन-कौन से दुकानें खुलेगी लॉक डाउन 4.0 में जानने के लिए क्लिक करे

महिला जन धन अकाउंट में ₹500 की दूसरी किस्त कल से

महिला जन धन अकाउंट में ₹500 

  • केंद्र सरकार ने लॉक डाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया है।

  • इस बीच सरकार ने महिला जनधन खातों से 500-500 की दूसरी किस्त को सोमवार को डालने का ऐलान किया है.

कोविड-19 संकट के दौरान गरीबों की मदद के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को महिला जनधन खाता धारकों के खातों में अप्रैल से 3 महीने तक हर माह ₹500 की मदद देने की घोषणा की थी.

वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना महिला खाताधारकों के बैंक खाते में मई माह की किस्त भेज दी गई है.

जिनके लेबर कार्ड बने हुए हैं उनके खातों में आए 2500 सो रुपए यदि आपके नहीं आए तो देखे लिस्ट में अपना नाम

If you do not get 2500 rupees in the accounts of those whose labor cards remain, then see your name in the list

लेबर कार्ड सहायता राशि की प्रक्रिया देखने के लिए पूरा आर्टिकल पढ़ें:-

यदि आपका श्रमिक कार्ड बना हुआ है तो राज्य सरकार द्वारा  भेजी जा चुकी है सभी के खातों में 2500 की राशि |

यह राशि राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा कोरोनावायरस वैश्विक माहवारी में लॉक डाउन लगने पर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे गरीब जो मजदूर वर्ग की श्रेणी में आते हैं उनके खातों में दो टुकड़ों में राशि उनके खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है जो क्रमश ₹1000 और 1500 की राशि है इसे के साथ ,जो बीपीएल कैटेगरी से हैं उनके भी खाते में यह राशि भेजी गई है |

जैसा कि आपको ज्ञात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी सभी महिलाओं के जनधन खातों में ₹500 की राशि हस्तांतरित की गई थी ताकि उनके घर खर्चे में काम में आ सके लेकिन कुछ लोग असमंजस की स्थिति में है कि हमारे खातों में यह राशि क्यों नहीं आई तो जान ले कि भारत सरकार द्वारा मात्र इन लोगों के खाते में ही भेजी गई थी राशि:-

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई योजना जनधन खाता यदि इस योजना में जिन्होंने बैंक में खाते खुलवाए थे उन्होंने उनके खातों में ही यह राशि भेजी गई है|

  • दूसरा मुख्य बिंदु यदि यह खाता किसी भी फीमेल कैटेगरी अर्थात महिला द्वारा या लड़की द्वारा खुलवाया गया था तो वहीं यह राशि भेजी गई है यदि आप देख रहे हो कि पुरुष के खाते में क्यों नहीं आई तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नरेंद्र मोदी द्वारा यह राशि होनी खातों में भेजी गई है जिनमें जेंडर कैटेगरी फीमेल थी |

  • कुछ लोग यह सोच रहे होंगे कि हमारा भामाशाह कार्ड बना हुआ है फिर भी यह राशि क्यों नहीं आई तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस राशि से भामाशाह कार्ड और जन आधार कार्ड का कोई लिंक नहीं है अर्थात जिनका भामाशाह कार्ड अथवा जन आधार कार्ड नहीं भी बना हुआ तो भी यह राशि उन सभी के खातों में आई है जिनके खाते जन धन योजना के तहत खोले हुए थे और महिलाओं द्वारा खुलवाए गए थे |

 उपरोक्त राशि निरंतर 3 महीने तक भेजी जाएगी जो 1 महीने की भेजी जा चुकी है और अगले महीने मई में भेजी जाएगी और उसके बाद तीसरी और अंतिम किस्त जून में भेजी जाएगी |

यदि राजस्थान सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि आपको प्राप्त नहीं हुई है तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना शहर चुनें उसके बाद अपना वार्ड नंबर चुने और वहां से अपने नाम के सामने क्लिक करें और स्टेटस देखें की राशि आपको सक्सेसफुल दिखा रही है अथवा नहीं यदि वहां Faild लिखा हुआ आता है तो आप बैंक से संपर्क करें और यदि उस लिस्ट में आपका नाम नहीं है तो आप को राज्य सरकार द्वारा कोई राशि नहीं भेजी गई है |

Click Here for Labour card 2500 Rs List

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30 अप्रैल तक मुफ्त सिलेंडर नहीं लिया तो अगले महीने खाते में नहीं आएगी राशि

ujjwala yojana free gas salendar

If not taken free cylinder till 30th April, next month will not get free cylinder, know how to take free cylinder

राज्य सरकार और भारत सरकार द्वारा कोरोनावायरस लॉक डाउन के दौरान दी जाने वाली समस्त योजनाओं की जानकारी समय-समय पर लेने के लिए कृपया नीचे दिए गए बैल आइकन को क्लिक करके Allow कर ले ताकि जब भी हमारे द्वारा कोई भी योजना वेबसाइट पर डाली जाए तो आपको नोटिफिकेशन के जरिए उपलब्ध हो जाए और आप उस योजना का बजट रहते फायदा ले सको यदि आपको बाद में मालूम चलता है तब तक गवर्नमेंट का टारगेट पूरा हो जाता है |

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों ने 30 अप्रैल

तक गैस सिलेंडर रिफिल नहीं कराए तो अगले महीने (मई

में )मुफ्त गैस सिलेंडर लेने के लिए राशि बैंक खाते में नहीं

आएगी !

कोरोना वायरस की महामारी में जिले में उज्जवला योजना

के 3.10 लाख में से 1 लाख 9 हजार लाभार्थियों ने ही

अब तक मुफ्त गैस सिलेंडर का लाभ लिया है केंद्र सरकार

की ओर से अप्रैल,मई और जून में उज्वला योजना के

लाभार्थियों को मुफ्त गैस सिलेंडर की रिफिल कराई

जाएगी! अप्रैल में पहले गैस सिलेंडर की रिफिल के लिए

सरकार की ओर से लाभार्थियों के खाते में ₹750 की

रुपए की राशि पहले सप्ताह में ही हस्तांतरित कर दी, गई

लेकिन अभी तक मात्र35.16% लोग ही सिलेंडर रिफिल

करा पाए हैं अगर 6 दिनों में बैंक खातों में आई राशि से

सिलेंडर रिफिल नहीं कराए तो जून में राशि खाते में

ट्रांसफर नहीं की जाएगी! अगर यह लाभार्थी अप्रैल में नहीं

ले पाए और मई में सिलेंडर लिया तो 1 महीने की राशि

leps हो जाएगी और फिर जून में राशि खाते में आ

जाएगी यानी 2 महीनों का हि फायदा होगा उल्लेखनीय है

कि उज्वला योजना के जिले में आईओसीएल के 1.20

लाख, बीपीसीएल के 73 हजार और एचपीसीएल

के 1.17 लाख लाभार्थी उपभोक्ता है |

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