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लॉकडाउन – 4 खत्म होने पर 1 जून से अपनाई जाने वाली रणनीति में जुटा पीएमओ

 रणनीति में जुटा पीएमओ

  • प्रधानमंत्री कार्यालय राज्यों से प्राप्त डाटा और फीड बैक के आधार पर आगे के लिए लेगा फैसला,

  • केंद्र पिछले 12 दिनों के आकड़ों को लेकर चिंतित।

  • प्रधानमंत्री कार्यालय पिछले चौंसठ दिनों के लॉकडाउन की पूर्ण समीक्षा करने में व्यस्त है

Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय पिछले चौंसठ दिनों के लॉकडाउन की पूर्ण समीक्षा करने में व्यस्त है. गृह मंत्रालय (MHA) और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर एक जून से अपनाई जाने वाली संबंधित रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “पिछले कई दिनों से यहां लगातार समीक्षा की जा रही है लेकिन आखिरकार यह एक राजनीतिक फ़ैसला होगा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून को जारी रखना है, या राज्यों को एक जून से अंतिम रूप देना है कि वे किस तरह से आगे बढ़ना चाहते हैं.” उनके अनुसार निर्णय पीएमओ द्वारा राज्य प्रशासन से प्राप्त डाटा और फीड बैक पर आधारित होगा. अधिकारी उस डेटा को स्कैन भी कर रहे हैं जो केंद्र ने स्वतंत्र रूप से एकत्रित किया है.

केंद्र हालांकि पिछले 12  दिनों के आकड़ों को लेकर चिंतित है क्योंकि कोविड पॉज़िटिव और क्वारंटाइन दोनों के मामलों में दुगना इज़ाफ़ा हुआ है. केंद्र सरकार को इस बात का भी अहसास है कि लॉकडाउन हमेशा नहीं लागू किया जा सकता. गतिविधियां और इकॉनामी बेशक से धीरे-धीरे खोलने की जरूरत है.
सरकार को इस बात की भी चिंता है कि COVID-19 का मुकाबला करने की अपनी रणनीति को लेकर उसे विपक्षी दलों से सिर्फ़ आलोचना ही मिल रही है.  कार्य अधिक चुनौतीपूर्ण इसीलिए भी है क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्रियों ने पिछले 64 दिनों में कई बार केंद्र को अपना रुख बदलने को कई बार मजबूर किया है. कई बार उसकी नीतियों  के खिलाफ अपनी राय सबके सामने भी दी है

इस बीच सरकार जिस डेटा को देख रही है उससे यह डेटा साफ़ करता है कि सरकार लॉकडाउन खत्म करने के लिए हिचक क्यों रही है. डेटा के मुताबिक़ 27 मई को 147284 मामले COVID पॉजिटिव के हैं, लेकिन बड़ी चिंता 2281250 लोगों की है जो कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्वारंटाइन में हैं. बारह दिन पहले यानी 14 मई को 77152 कोविड पॉजिटिव मामले थे और 1195645 लोग क्वारंटाइन में थे.
अधिकारी राज्य का ग्राफ ऊपर की ओर दिखा रहे हैं क्योंकि न केवल अधिक परीक्षण किए जा रहे हैं बल्कि केंद्र द्वारा दी जा रही छूटों के कारण भी. एक अधिकारी बताते हैं कि “प्रवासी श्रमिकों के आंदोलन, अंतरराष्ट्रीय निकासी और घरेलू उड़ानों की शुरुआत ने दोनों संख्याओं को जोड़ा है.” उनके अनुसार, जिन राज्यों ने बहुत अंतर के बाद ट्रेनों की आवाजाही देखी है वहां दोनों आंकड़ों के ग्राफ में तेजी देखी गयी।

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में 27 मई को 602822 लाख से अधिक लोग क्वारंटाइन में हैं, बारह दिन पहले यह संख्या 297282 थी. गुजरात में अब 442597 लाख क्वारंटाइन हैं जबकि बारह दिन पहले यह 208537  था. 27 मई को उत्तर प्रदेश में  361118 लाख लोगों को क्वारंटाइन में  रखा गया था, जबकि 14 मई को यह संख्या 230137  थी.
इसी प्रकार बिहार में अब 210854 लाख लोग क्वारंटाइन में हैं, जबकि बारह दिन पहले यह आंकड़ा 117346 था. छत्तीसगढ़ में अब 186566 लोग क्वारंटाइन में हैं, जबकि यह संख्या 14 मई को 42983 थी. 14 मई को ओडिशा ने 118930 लाख लोगों को क्वारंटाइन में दर्ज किया गया था.

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लॉकडाउन में ढील पर स्वास्थ्य विशेषज्ञो ने दी चेतावनी, कहा- आपने बाढ़ के लिए द्वार खोल दिए हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

  • यात्रा प्रतिबंधों में दी गई ढील।

  • यात्रा से संक्रमण के फैलाव की दर बढ़ सकती है।

  • भारत कोरना संक्रमण में शीर्ष 10 देशों में शामिल

भारत के कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित शीर्ष-10 देशों में शामिल होने के लिए विशेषज्ञों ने यात्रा प्रतिबंधों में दी गई ढील और प्रवासियों के आवागमन को जिम्मेदार बताया है।

विशेषज्ञों ने इसे बाढ़ के दौरान बांध के फ्लड गेट खोल देने सरीखा कदम करार दिया और साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में संक्रमण के प्रसार में जंगल की आग सरीखी तेजी दिख सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

डॉ. चंद्रकांत एस. पांडव ने रेल व सड़क परिवहन सेवाओं के  सीमित संचालन और प्रवासियों की अपने घरों में वापसी पर टिप्पणी करते हुए कहा, आपने फ्लड गेट खोल दिए हैं।

डॉ. पांडव इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन के पूर्व अध्यक्ष हैं।

उन्होंने कहा, इसे कोरोना वायरस संक्रमण के जंगल की आग की तरफ फैलने के लिए आदर्श वातावरण तैयार करने का क्लासिक केस कहा जा सकता है। आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले नाटकीय तरीके से बढ़ हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, हालांकि यह सच है कि लॉकडाउन हमेशा के लिए नहीं रखा जा सकता, लेकिन इसे खोलने का काम ज्यादा जांच और सूचनाबद्ध तरीके से होना चाहिए था। यात्रा से संक्रमण के फैलाव की दर बढ़ सकती है।

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, फिलहाल संक्रमित मामलों में बढ़ोतरी हॉटस्पॉट इलाकों में ही ज्यादा देखने को मिल रही है, लेकिन आने वाले दिनों में यात्रा बढ़ने के कारण कोरोना वायरस (कोविड-19) से अन्य स्थानों में भी संक्रमित लोगों की संख्या में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।

उन्होंने कहा, संक्रमण के लक्षण नहीं होने या शुरुआती लक्षणों वाले लोग थर्मल स्क्रीनिंग सिस्टम में पार हो जाएंगे और ये उन इलाकों में जाएंगे, जहां बेहद कम या न के बराबर मामले हैं।

ऐसे इलाकों में इसके बाद संक्रमण की दर बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना टेस्ट की क्षमता में बेहद बढ़ोतरी के चलते भी संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ी हुई दिखाई दे रही है।

उन्होंने कहा, लोगों के सड़कों पर निकलने के समय यदि उचित सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की सफाई पर ध्यान नहीं देना भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण का ट्रांसमिशन ज्यादा तेजी से फैल सकता है।

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इंडिया सुविधा द्वारा सरकारी भर्तियों की जानकारी व्हाट्सएप से घर बैठे अपने मोबाइल पर ले रहे सभी सेवाओं को स्थगित करके टेलीग्राम सेवा शुरू कर दी गई है सेवाओं को नियंत्रित रखने के लिए टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करने के लिये क्लिक करें

 

Immunity Boosting Juice: इम्यूनिटी बेहतर करेगा आंवला जूस,कोरोना से लड़ने में करेगा मदद,

Immunity Boosting Juice

  • आंवले में विटामिन सी (Vitamin C) की उच्च मात्रा होती है

  • यह इम्यूनिटी (Boost Immunity) को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है

  • जानें आंवले के रस या आंवला जूस का सेवन कैसे करें? 

How To Make Immunity Boosting Juice At Home: 

आंवला आमतौर पर हर भारतीय किचन में पाया जाता है. यह पोषक तत्वों से पैक एक आहार स्रोत है, जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है. आंवले में विटामिन सी (Vitamin C) की उच्च मात्रा होती है, जो प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी (Boost Immunity) को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है.

Immunity Boosting Juice

आंवले के रस या आंवला जूस का सेवन कैसे करें?(How To Consume Amla Juice?)

आंवले की प्रतीकात्मक फोटो

आंवला आपकी त्वचा और बालों के लिए भी अच्छा है. आंवला रक्त शर्करा के स्तर यानी ब्लड ग्लूकोज लेवल (Control Blood Sugar Levels) को नियंत्रित करने, आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पाचन में सुधार और वज़न घटाने (Weight Loss) में मदद कर सकता है. सीने में जलन की शि‍कायत होने पर भी यह घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

आंवले का रस (Amla Juice) कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक उपाय के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. यह पौष्टिक पेय विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है और यकृत यानी लिवर फंशन को सही रखता है. आंवला जूस एक टैंगी ड्रिंक है, जिसे विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है. बेहतर स्वास्थ्य के लिए आंवला जूस का उपयोग करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं. 

1. इसे एलोवेरा जूस के साथ मिलाये 

Immunity booster drink: आप आंवला और एलोवेरा जूस को मिला कर पी सकते हैं.

एलोवेरा की प्रतीकात्मक फोटो

एलोवेरा के फायदे तो हम सभी जानते हैं. इसका उपयोग जूस बनाने के लिए किया जाता है. आप एलोवेरा जूस और आंवले के रस को मिलाकर सेवन कर सकते हैं. यह पेय एक परिपूर्ण प्रतिरक्षा बूस्टर है. यह आपकी त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले विषहरण में भी मदद कर सकता है.

Immunity booster drink: आप आंवला और एलोवेरा जूस को मिला कर पी सकते हैं.

2. लौकी, आंवला और शहद

लौकी या घीया एक सब्जी है, जिसमें भरपूर मात्रा में पानी होता है.

वज़न कम करने के लिए इस रस का (Weight Loss Drinks) सेवन किया जाता है.

3. पानी और आंवला का जूस

आधा कप आंवले का रस एक गिलास पानी में मिलाया जा सकता है. इसे आप सुबह के समय सबसे पहली चीज के रूप में पी सकते हैं. स्वाद के लिए कुछ शहद डाल सकते हैं. आप गुनगुना पानी भी ले सकते हैं. यह रस वज़न घटाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है.

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IRCTC Train booking: 1 दिन से चलने वाली 200 ट्रेनों में टिकटों की बुकिंग शुरू सभी यात्रियों की होगी स्क्रीनिंग

अस्वीकरण : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें. इंडिया सुविधा इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता.

कोरोना के साथ आई रहस्यमयी बीमारी बच्चों को बना रही शिकार, दिल पर करती है हमला

कोरोना के साथ आई रहस्यमयी बीमारी बच्चों को बना रही शिकार, दिल पर करती है हमला-

कोरोना वायरस (Coronavirus) जब दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है, तब पैरेंट्स के लिए थोड़ी राहत इस बात की है कि यह बच्चों को जल्दी अपना शिकार नहीं बनाता. लेकिन इस महामारी से जुड़ी ताजा रिपोर्ट डराने वाली है और इसने कई परिवारों, खासकर पैरेंट्स को चिंतित कर दिया है. यूरोप के बाद अब अमेरिका में भी कई बच्चों को रहस्यमयी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया है. यह बीमारी बच्चों के दिल और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती है.

 

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न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू एम. क्योमो ने बताया कि 112 बच्चों में इस रहस्यमय बीमारी के लक्षण पाए गए हैं, जिनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है. ये केस अमेरिका के 14 राज्यों में सामने आए हैं. राहत की बात यह है कि इस बीमारी का इलाज संभव है. ज्यादातर बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. ऐसे में पैरेंट्स को यह जानने की जरूरत है कि उन्हें इस बीमारी से जुड़ी कौन सी बातें जाननी जरूरी हैं.

कोविड-19 का शक, पर यकीन नहीं

अभी तक कोई नहीं जानता कि नया सिंड्रोम कहां से आया है, जिसे अब पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (PMIS) कहा जा रहा है. कई डॉक्टर इसे कोरोना वायरस से जोड़ते हैं. डॉ. इवा चेउंग पीएमआईएस सिंड्रोम के 35 मरीजों का इलाज कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि यह सिंड्रोम कोविड से संबंधित है.’

Covid-19 के बाद PIMS के शिकार हुए 

न्यूयॉर्क में जो बच्चे पीएमआईएस से प्रभावित हुए, उनमें से ज्यादातर कोविड-19 के शिकार हुए थे या वे इसके संपर्क में तो आए, लेकिन इससे संक्रमित नहीं हुए थे. कुछ बच्चों का कोविड-19 का टेस्ट निगेटिव आया और वे पीएमआईएस के शिकार हुए. इसलिए इस बारे में पूरे यकीन के साथ कुछ कह पाना मुश्किल है. डॉ. इवा चेउंग इस पर कहते हैं कि हो सकता है कि कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट गलत हो क्योंकि कई मामलों में इस वायरस की रिपोर्ट भरोसमंद नहीं रही है.

इम्यून सिस्टम की आक्रामकता से बदलाव

डॉ. ओफरी अमांफो कहते हैं कि संभव है कि कुछ बच्चे जब कोरोना वायरस के संपर्क में आए तो उनके मजबूत इम्यून सिस्टम ने उन्हें संक्रमण से बचा लिया. इस प्रकिया में इम्यून सिस्टम में जो आक्रामकता आई, उसने शरीर में कई बदलाव किए और इससे शरीर के दूसरे अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ा. इसका असर ब्लड प्रेशर पर पड़ा और अंतत: उन्हें लाइफ सपोर्ट की जरूरत पड़ी, ताकि उनके दिल और फेफड़ों को प्रभावित होने से बचाया जा सके.

 

सिंड्रोम की पहचान करना आसान

डॉ. जेम्स श्नाइडर कहते हैं कि राहत की बात यह है कि इस सिंड्रोम की पहचान करना आसान है. इसके लक्षण इतने गंभीर हैं कि पैरेंट्स इसे आसानी से पहचान सकते हैं. इसका शिकार होने पर बुखार आता है जो 101 डिग्री या इससे अधिक का हो सकता है. बुखार जल्दी नहीं उतरता. इसके अलावा पेट में तेज दर्द होता है. उल्टियां होती हैं. कुछ बच्चों के शरीर में चक्कते पड़ने लगते हैं, लेकिन सबमें ऐसा नहीं होता है. आंखें लाल हो जाती हैं. होंठ फट जाते हैं. जीभ में दर्द होता है. हाथ-पांव में सूजन आ जाती है. डॉ. श्नाइडर इस सिंड्रोम से पीड़ित 40 से अधिक बच्चों का इलाज कर चुके हैं.

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Lockdown 4: जानें 5 खास बाते इन राज्यों में क्या -क्या चल रही है प्लानिंग, सोमवार से हो रहा शुरू

Lockdown 4.0

  • देश में Coronavirus से बचाव के चलते Lockdown लगाया गया है.

  • वर्तमान में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. यह 17 मई तक लागू रहेगा..

Lockdown 4.0

 

 

 

 

 

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देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के चलते लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है. वर्तमान में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. यह 17 मई तक लागू रहेगा. 18 मई से लॉकडाउन 4 (Lockdown 4) शुरू होगा लेकिन यह इसके तीन चरणों से थोड़ा अलग होगा. सरकार की कोशिश है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में जमीन पर हालातों को सामान्य दिखाया जाए. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जहां तक मुमकिन है सबसे पहली राहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में दी जाएगी, जमीन पर और हवा में, यानी चिन्हित क्षेत्रों में हवाई व बस सेवाओं को शुरू किया जाएगा.

Lockdown 4.0

वित्त मंत्री का ऐलान-छोटे खादय-उधोगों को मिलेंगे 10 हजार करोड़।

किन राज्यों में कैसी चल रही है प्लानिंग- 5 बातें

  1. कई राज्यों में आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरा और राजधानी दिल्ली ने सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था और समाज के बड़े परतों को फिर से खोला जाए, जिसे पहले लॉकडाउन चरणों के दौरान बंद हो गए थे. उदाहरण के तौर पर आंध्र ने नॉन-कंटेनमेंट जोन में सभी आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों को फिर से खोलने प्रस्ताव दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस राज्य में COVID-19 के कुल 2,137 केस हैं और 11,422 लोग क्वारंटाइन हैं.
  2. दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से फीडबैक मिलने के बाद गुरुवार को मीडिया से बात करते वक्त बताया कि उन्हें कंटेनमेंट जोन छोड़कर आर्थिक गतिविधियों में ढील देने के सुझाव मिले हैं. उन्होंने दिल्ली में और अधिक प्रतिबंधों को हटाने के लिए आह्वान किया गया है.
  3. केरल का सबसे ज्यादा रेवन्यू टूरिज्म से ही आता है. इसी कारण केरल मेट्रो सेवा, लोकल ट्रेन, घरेलू फ्लाइट, रेस्टॉरेंट और होटल्स को फिर से खोलना चाहता है. भारत के पहले तीन कोरोनावायरस इसी राज्य से मिले थे. राज्य में कोरोना से संक्रमण फैलने की स्थिति पर काबू पाने कामयाब रहा है. कुल 560 कोरोना के मामले आए, जिसमें लगभग 500 ठीक हो गए हैं और केवल चार मौतें हुई हैं.
  4. कर्नाटक ने सोशल डिस्टेंसिंग को प्रोत्साहित करने और कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच करने के लिए कई सप्ताह पहले बंद किए गए रेस्तरां, होटल और व्यायामशालाओं समेत सार्वजनिक स्थानों को फिर से खोलने की अनुमति मांगी है. कर्नाटक में अभी कोरोनावायरस के 959 एक्टिव केस हैं. गृह मंत्रायल के डाटा के अनुसार, अभी 1,518 लोग आइसोलेशन में हैं. पिछले हफ्ते पब और बार को शराब की ब्रिकी की अनुमति प्रदान की गई है.
  5. तमिलनाडु ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए सुझाव दिया है. पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना के मामले ज्यादा संख्या में आए हैं, जिसकी वजह से इस अनुरोध को सावधानी के साथ देखे जाने की संभावना है. राज्य की राजधानी चेन्नई में एक सब्जी बाजार से करीब 2,600 से अधिक कोरोना के मामलों को जोड़ा गया है. 4,623 लोग राज्य में क्वारंटाइन में हैं, सोमवार से, दुकानों और निजी संगठनों के लिए काम के घंटे में विस्तार सहित राहत की घोषणा की.

 

कोरोना का कहर मे चीन से आगे भारत संक्रमितों का आंकड़ा 85 हजार के करीब पहुंचा

Coronavirus Updates

देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

यहां Covid-19 संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर करीब 85 हजार के करीब पहुंच गया है.

इस तरह भारत संक्रमितों के मामले में चीन से आगे निकल गया है.

कोरोनावायरस संक्रमितों के मामले में अब विश्व में भारत का स्थान 11वां है.

हालांकि इस जानलेवा वायरस से होने वाली मौतों की दर चीन की तुलना में भारत में काफी कम है.

चीन में जहां यह 5.5 प्रतिशत है तो वहीं भारत में यह 3.2 फीसदी है. देश में इस बीमारी से अब तक 27920 मरीज ठीक हो चुके हैं.

वहीं, रिकवरी रेट लगातार सुधर कर 34.06 प्रतिशत पर पहुंच गया है.

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क्या हे कोरोना वायरास

बहुत से वायरस हैं, जो जानवरों और इंसानों में बीमारी को जन्म देते हैं. इंसानों में कोरोनावायरस से सांस लेने संबंधी दिक्कतें होती हैं, जिनमें सामान्य खांसी, जुकाम और ज्यादा से ज्यादा मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (Middle East Respiratory Syndrome) शुरू होता है. साथ ही मरीज को सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome) होने की भी संभावना रहती है. जिस कोरोनावायरस का प्रकोप इस समय फैला हुआ है, वह हाल में ही पाया गया है. इस वायरस से कोरोनावायरस नाम की बीमारी होती है. इसे COVID-19 के नाम से भी जाना जाता है.

क्या COVID-19 वायरस गर्म मौसम में फैलता है?

COVID-19 हर तरह के मौसम में फैलती है. ठंडे या गर्म मौसम से इस बीमारी का कोई सरोकार नहीं है. यह ठंडे क्षेत्रों के साथ-साथ गर्म और आर्द्रता वाले क्षेत्र में भी फैलता है. COVID-19 से खुद को बचाने के लिए सबसे सरल रास्ता यह है कि कुछ-कुछ समय के अंतराल पर हाथ साफ करें. बार-बार हाथ साफ रखने से आप इस वायरस से बच सकते हैं, क्योंकि हाथ साफ रहेगा, तो आप अपने आंख, मुंह और नाक छुएंगे, तो भी इस इंफेक्शन का खतरा नहीं रहेगा.

ठंडी जगह या ठंडी हवा इस वायरस को मारने में कामयाब नहीं है?

गर्म पानी से नहाने से क्या इस वायरस से बचा जा सकता है?

क्या कोरोनावायरस मच्छर के काटने से फैलता है?

क्या ‘हैंड ड्रायर’ कोरोना के वायरस को मारने में कामयाब है?

क्या एक अल्ट्रावायलट कीटाणुशोधन लैंप नए कोरोनोवायरस को मार सकता है?

नए कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाने में थर्मल स्कैनर कितने प्रभावी हैं?

क्या शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन लगाने से नोवेल कोरोनावायरस मर सकता है?

क्या घर पर पालतू जानवर भी कोरोनावायरस (2019-nCoV) को फैला सकते हैं?

क्या निमोनिया का टीका कोरोनावायरस से रक्षा कर सकता है?

खारे पानी से नाक धोने से क्या कोरोनावायरस से बचाव किय जा सकता है?

क्या लहसुन खाने से कोरोनावायरस से संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है?

क्या कोरोनावायरस का खतरा जवानों के मुकाबले बुजुर्गों को ज्यादा है?

क्या एंटीबायोटिक्स कोरोनोवायरस की रोकथाम और इलाज में फायदेमंद हैं?

चीन या दूसरे देशों में बने सामान से क्या कोरोनावायरस नहीं फैल सकता?

PM मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज और लॉकडाउन-4 की घोषणा की,

राष्ट्र के नाम संबोधन

  • राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की.

  • कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया.

  • राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया.

  • इसके साथ-साथ उन्होंने लॉकडाउन 4.0 की भी बात की. पीएम ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नई गति देगा.

राष्ट्र के नाम संबोधन

उन्होंने कहा कि इसका ब्योरा अगले कुछ दिनों में जारी किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस ने भारत को आत्मनिर्भर बनने और दुनिया में आगे बढ़ने अवसर उपलब्ध कराया है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण भी लागू किया जाएगा पर यह पहले के तीन चरणों से काफी अलग होगा. बता दें कि लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने जा रहा है. तीसरे चरण में भी कारोबारी गतिविधियों के मामले में कई तरह की रियायतें दी गई.

PM के संबोधन की 10 बड़ी बातें – 

  1. पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी.  उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा फेज होगा, लेकिन यह पूरी तरह से नए रंग रूप वाला होगा. इसके लिए नए नियम तय किए जाएंगे ताकि बाकी कामों के साथ सामंजस्य बैठाते हुए लोग दो गज दूरी का भी पालन करें.

  2. वित्तीय पैकेज के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है. यह पैकेज भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. इससे पहले केन्द्र सरकार ने गरीबों, बुजुर्गों और किसानों के लिये 1.74 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है.

  3. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘यह आर्थिक पैकेज हमारे श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों और कुटीर उद्योगों के लिए होगा. पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है. यह पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है, उसे बुलंदी पर पहुंचाने के के लिए है.’

  4. प्रधानमंत्री ने बड़े आर्थिक सुधारों का संकेत देते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तृत ब्योरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार से अगले कुछ दिनों तक देंगी. प्रधानमंत्री ने देश को आगे बढ़ने के लिए ‘साहिसक’ सुधारों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘ये सुधार खेती से जुड़ी पूरी आपूर्ति श्रृंखला, कर प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने, नियम-कानून को सरल और स्पष्ट बनाने, बुनियादी ढांचा को गति देने ओर व्यापार तथा निवेश को प्रोत्साहित करने वाले होंगे.’

  5. पीएम ने कहा कि देश का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना है और उन्होंने इसके लिए अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा को महत्वूपर्ण बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता पांच स्तंभों पर आधारित होगी. इसमें उन्होंने -अर्थव्यवस्था की ऊंची छलांग, बेहतर बुनियादी ढांचा, 21वीं सदी का प्रौद्योगिकी आधारित नया शासन तंत्र, गतिशील जनसांख्यकीय और अर्थव्यवस्था की मजबूत मांग एवं आपूर्ति श्रृंखला का जिक्र किया.

  6. स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से ‘लोकल पर वोकल बनने’ यानी स्थानीय उत्पादों को महत्व देने और उनकी मांग बढ़ाने के साथ ही उनका प्रचार करने पर भी जोर दिया.

  7. पीएम मोदी ने कहा, ‘एक वायरस ने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया है. सारी दुनिया जिदंगी बचाने की जंग में जुटी है. ‘यह मानव जाति के लिये अकल्पनीय है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना मनुष्य को मंजूर नहीं. हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है. यह आपदा भारत के लिए एक संदेश, एक अवसर भी है. 21वीं सदी को भारत की सदी बनाना है.’

  8. उन्होंने कहा कि भारत की संस्क्ति, भारत की आत्मा वसुधैव कुटुम्बकम की रही है. भारत का चिंतन जीवमात्र का कल्याण रहा है. यह पूरे विश्व को परिवार मानता है. भारत भूमि जब आत्मनिर्भर होती है तो पूरे विश्व पर इसका प्रभाव होता है. भारत की दवाइयां दुनिया में नई आशा लेकर पहुंचती हैं. इसको लेकर भारत की भूरि भूरि प्रशंसा होती है तो भारतीयों को गर्व होता है. दुनिया मानती है भारत कुछ अच्छा कर सकता है.

  9. प्रधानमंत्री का यह संबोधन विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को करीब छह घंटे चली बैठक के एक दिन बाद हुआ है. मुख्यमंत्रियों के साथ यह बैठक 17 मई के बाद 54 दिन का लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आगे की स्थिति को लेकर हुई.

  10. हाल के दिनों में उद्योगों, कामगारों और कई राजनीतिक नेताओं ने लॉकडाउन हटाने की मांग की है. उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था और लोगों के एक बड़े वर्ग की जीविका पर बुरा असर पड़ रहा है.

लॉकडाउन 3.0 में ये 10 बातें आपके लिए जानना है जरूरी…

Lockdown-3

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉक डाउन को 3 मई से आगे तक बढ़ाया है,

अब यह लॉक  डाउन 17 मई तक रहेगा लेकिन इस लॉक डाउन के बीच 4 मई से लोगों को ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में राहत दी गई है

  • कोरोनावायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए लियाफैसला।
  • केंद्र सरकार ने देश भर में जारी लॉकडाउन को दो और हफ्ते के लिए‍ बढ़ा दिया है.
  • लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है.
  • अब 4 मई से लेकर 17 मई तक और ये जारी रहेगा.
  • इस दौरान सरकार ने देश के सभी जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में बांट दिया है. इनमें से ऑरेंज और ग्रीन जोन में कई तरह की रियायतें भी सरकार देने जा रही है.
  • अब चूंकि लॉकडाउन दो और हफ्तों के लिए बढ़ा दिया गया है,

ऐसे में आपके लिए ये 10 बातें जानना बेहद जरूरी है…

Lockdown-3.0

  1. लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने, पान, गुटखा, तंबाकू आदि खाने की इजाजत नहीं होगी. हालांकि, न्यूनतम छह फुट की दूरी ग्राहकों के बीच सुनिश्चित करने के बाद शराब, पान, तंबाकू की बिक्री करने की इजाजत होगी तथा दुकान पर एक समय में पांच से अधिक लोग नहीं होंगे.
  2. कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिये आरोग्य सेतु मोबाइल एप आवश्यक.
  3. कोविड-19 रेड जोन के अंदर और निषिद्ध क्षेत्र के बाहर रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, सैलून के खुलने पर प्रतिबंध रहेगा.
  4. लॉकडाउन के दौरान रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में सामजिक दूरी बनाए रखते हुए ओपीडी, मेडिकल क्लीनिक संचालित करने की इजाजत दी जाएगी.
  5. सभी गैर-जरूरी गतिविधियों के लिये लोगों की आवाजाही पर शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक सख्त पाबंदी रहेगी.
  6. शैक्षणिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान और होटल एवं रेस्तरां सहित आतिथ्य सत्कार सेवाएं, सिनेमा हॉल, मॉल, जिम और राजनीतिक, सांस्कृतिक आयोजन स्थल तथा धार्मिक स्थल लॉकडाउन के दौरान बंद रहेंगे.
  7. लॉकडाउन की विस्तारित अवधि के दौरान विमान, रेल, मेट्रो से यात्रा और सड़क मार्ग से अंतर-राज्यीय आवागमन तथा स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे.
  8. रेड ज़ोन में जिन गतिविधियों की अनुमति है, ऑरेंज जोन में उनके अलावा टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स को केवल 1 ड्राइवर और 1 यात्री के साथ अनुमति दी जाएगी.
  9. ग्रीन जोन में हर तरह की गतिविध‍ियों की इजाजत होगी लेकिन उन गतिविधियों को छोड़कर जिनपर देशभर में पाबंदी है. बसें आधी क्षमता के साथ चलाई जा सकेंगी और बस डीपो भी आधी क्षमता के साथ काम कर सकेंगे.
  10. सभी सरकारी कार्यालय उप सचिव के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ और पूरी शक्ति से कार्य करेंगे, और शेष कर्मचारी आवश्यकता के अनुसार 33 प्रतिशत तक दफ्तर आएंगे.

शर्तों के साथ इन क्षेत्रों में 4 मई से खुलेंगी शराब, गुटखा व पान की दुकानें

शर्तों के साथ खुलेगी दुकानें 

  • कार्यस्थल पर भी मास्क अनिवार्य
  • सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालना की जाए
  • सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा
  • बड़ी बैठक नहीं होगी

देश में लॉकडाउन के दौरान बंद शराब, गुटखा व पान की दुकानों को कुछ शर्तों के साथ सभी जोन में खोलने की अनुमति मिल गई है। सभी जोन में शराब और पान की दुकानों को कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दी गई है। जानकारी के अनुसार, शराब की दुकानों और पान की दुकानों को एक दूसरे से न्यूनतम छह फीट की दूरी (दो गज की दूरी) सुनिश्चित करते हुए ग्रीन जोन में कार्य करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि दुकान पर एक बार में 5 से अधिक व्यक्ति मौजूद न हो। शारीरिक दूरी का ध्यान रखना बेहद जरूरी होगा। सभी जोन में इन सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा 
बता दें कि पूरे देश को 733 जोनों में बांटा गया है। इनमें 130 रेड जोन, 284 ऑरेंज जोन जबकि 319 ग्रीन जोन घोषित किए गए हैं। ग्रीन जोन के जिलों में नाई की दुकानें, सैलून समेत अन्य जरूरी सेवाओं और वस्तुएं मुहैया कराने वाले संस्थान भी 4 मई से खुल जाएंगे। सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि बंद रहेंगे। इसके अलावा 3 मई के बाद इन जिलों में फैक्ट्रियों, दुकानों, छोटे-मोटे उद्योगों समेत ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं को भी शर्तों के साथ पूरी तरह खोलने की अनुमति दे दी गई है।

   शर्तों के साथ खुलेगी दुकाने

पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री ने केंद्र के सामने रखी थी मांग
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण शराब की दुकानें न खुलने की वजह से राज्यों को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार को शराब की दुकान खोलने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि शराब की दुकानों से राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। ऐसे में शराब की दुकानें बंद होने से राज्यों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

4 मई को खुलेंगे यह जिले चेक करें अपने जिले की लिस्ट ग्रीन

जाने कितना खतरनाक है आपका जिला

  • देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
  • जिसकी वजह से सरकार अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है।
  • हर जिले और राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आगे की राह बनाई जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से तीन मई के बाद जिलों को अलग-अलग जोन के हिसाब से बांटने का काम किया है।

  • देश के कई जिले रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बंटे हुए हैं।
  • देखिए आप का शहर रेड जोन में है, ऑरेंज जोन में या ग्रीन जोन में–

Green orange red zone district list

 

हालांकि इस बार उनके पैमानों को बदला गया है। मंत्रालय ने कोरोना मामलों की संख्या, डबलिंग रेट और परीक्षणों के हिसाब से जिलों की नई सूची तैयार की है। जिसमें बताया गया है कि कौन सा जिला किस जोन में आता है और वहां किस तरह की सख्ती बरती जाएगी।

वायरस के खिलाफ जंग में ‘आर या पार’ वाला महीना साबित हो सकता है मई : चिकित्सा विशेषज्ञ

 वायरस के खिलाफ जंग

भारत में तीन मई को लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, चिकित्सा विशेषज्ञ महसूस कर रहे हैं कि अगला महीना यानी मई कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में ‘आर या पार’ वाला महीना साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ राहतें देने के साथ-साथ हॉटस्पॉट इलाकों में आक्रामक कंटेनमेंट नीति बनाने की बहुत जरूरत है।
विस्तार
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम मई तक रेलवे यात्रा, हवाई यात्रा, अंतरराज्यीय बस सेवा, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थलों को बंद रखना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से वार्ता में कहा था कि हमें कोरोना वायरस से जंग जारी रखने के साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा।
केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट संकेत दिए थे कि पूरे देश में जारी लॉकडाउन को तीन मई के बाद आगे भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन साथ ही लोगों को कुछ राहतें दी जाएंगी और कई जिलों में कुछ सेवाओं को भी छूट दी जाएगी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि रेड जोन में आक्रामक नियंत्रण की रणनीति की जरूरत है और ग्रीन जोन में भी राहतें देते हुए पूरी निगरानी करने की आवश्यकता है।  बुधवार को एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था कि देश में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जिलों की संख्या बुधवार सुबह तक घटकर 129 हो गई है। यह संख्या एक पखवाड़ा पहले तक 170 थी। लेकिन, इस दौरान संक्रमण मुक्त इलाके या ग्रीन जोन की संख्या में कमी भी आई है। इन की संख्या अब 325 से घटकर 307 हो गई है। वहीं, इसी समयकाल के दौरान नॉन हॉटस्पॉट जिले या ऑरेंज जोन की संख्या में बढ़त हुई है जो 207 से 297 हो गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनॉलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि यह समझना बहुत जरूरी है कि लॉकडाउन से वायरस मरता नहीं है, इससे केवल वायरस के प्रसार की रफ्तार कम होती है। उन्होंने कहा रेड जोन में अभी कम से कम दो सप्ताह तक और लॉकडाउन जारी रहना चाहिए।

वायरस के खिलाफ जंग

उन्होंने कहा, मई का महीना कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में ‘आर या पार’ का महीना साबित हो सकता है और यह जरूरी है कि उन मामलों में बंदी बरकरार रहे जहां संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. गुप्ता ने कहा कि ग्रीन जोन में राहतें दी जा सकती हैं लेकिन पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां किसी तरह से वायरस न पहुंचे और क्षेत्र संक्रमण मुक्त रहे।

वहीं, सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि यह बहुत जरूरी था कि रेल यात्रा, हवाई यात्राओं, अंतरराज्यीय बस सेवाओं, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थानों आदि को बंद किया जाए। उन्होंने कहा, ग्रीन जोन की सीमाओं को सील कर दिया जाना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग आदि मानकों का इस्तेमाल करते हुए जरूरी राहतें दी जानी चाहिए

मरीजो का आंकड़ा 31,000 के पार,24 घंटों में दर्ज हुईं सबसे ज़्यादा मौतें

Covid-19 India Updates

देश में कोरोनावायरस से अब तक 1007 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 31332 हो गई है

खास बातें

कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 31,000 के पार

मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 1,007 पहुंची

पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा 73 लोगों की गई जान

भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) लगातार बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक 1,007 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 31,332 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,897 नए मामले सामने आए हैं और 73 लोगों की मौत हुई है. 24 घन्टों में मौतों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. 24 घन्टे में इतनी मौत अब तक नहीं हुई. हालांकि, थोड़ी राहत वाली बात यह है कि इस बीमारी से अब तक 7,696 मरीज ठीक को चुके हैं. रिकवरी रेट सुधर कर 24.55% हो गया. बता दें कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया. यह लॉकडाउन 3 मई तक जारी रहेगा. 

Covid-19 India Updates:

महाराष्ट्र कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित
कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra) में Covid-19 संक्रमितों का आकंड़ा 9318 पहुंच गया है. मंगलवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 729 नए मामले सामने आए और इस दौरान 31 लोगों की मौत हो गई. राज्य में अब तक 1388 लोग ठीक हो चुके हैं. उधर, एशिया के सबसे बड़े स्लम मुंबई के धारावी में सोमवार को कोरोना के 42 नए मामले सामने आए और इस दौरान 4 लोगों की मौत हुई. इसके साथ ही धारावी में संक्रमितों का आंकड़ा 330 पहुंच गया है, वहीं अब तक कुल 18 लोगों की यहां मौत हो चुकी है.

दुनिया में

31,16,406मामले

19,70,647सक्रिय

9,28,607ठीक हुए

2,17,152मौत

कोरोनावायरस अब तक 185 देशों में फैल चुका है. April 29, 2020 8:26 am बजे तक दुनियाभर में कुल 31,16,406 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 2,17,152 की मौत हो चुकी है. 19,70,647 मरीज़ों का उपचार जारी है और 9,28,607 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. .

भारत में

31,332मामले

22,629सक्रिय

7,696ठीक हुए

1,007मौत

भारत में, 31,332 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 1,007 मौत शामिल हैं भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 22,629 है और 7,696 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

गुजरात में कोरोना मरीजों की संख्या 4 हजार के करीब
गुजरात (Gujarat) में मंगलवार को कोरोना वायरस के 226 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या 3,774 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 24 घंटे में 19 और लोगों की मौत होने से राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 181 हो गई है. राज्य में जो नये मामले सामने आए है उनमें से सबसे अधिक 164 मामले अहमदाबाद से
है,
उत्तर प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहा वायरस
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 66 नए मामले सामने आए, जिसके बाद राज्य में कोविड-19 से संक्रमण का मामला बढ़कर 2053 पर पहुंच गया. वहीं तीन व्यक्तियों की मौत के साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 34 पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डा. विकासेंदु अग्रवाल द्वारा मंगलवार शाम जारी बयान में कहा गया, ‘मंगलवार को 66 नए कोरोना संक्रमित मामले प्रकाश में आए इस तरह प्रदेश के 60 जिलों में संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 2053 हो गई है. दो रोगियों की मौत आगरा में जबकि एक व्यक्ति की मौत कानपुर में हुई है.

10 मई को होने वाली पीटीईटी परीक्षा स्थगित.. 

 पीटीईटी 2020 स्थगित

  • वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण पूरे भारत देश में लॉक डाउन किया गया था।

  • लॉक डाउन की वजह से कई परीक्षाएं स्थगित की गई थी इन्हीं परीक्षाओं में पीटीईटी 2020 की परीक्षा भी स्थगित की गई है

पीटीईटी 2020 स्थगित

  • प्रदेश के सभी राजकीय एवं निजी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में बीएड,दो वर्षीय एवं बीए, बीएड बीएससी बीएड चार वर्षीय संकेतिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 10 मई को प्रस्तावित पीटीईटी 2020 परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।
  • परीक्षा की नई तिथि की घोषणा लॉक डाउन खुलने के बाद जारी होगी पीटीटी के के समन्वयक डॉक्टर जी.पीसी सिंह ने बताया कि पीटीईटी प्रवेश के लिए B.Ed 2 वर्षीय पाठ्यक्रम में 3 लाख 27 हजार 270 b.a., B.Ed बीएससी बीएड चार वर्षीय संमेकित पाठ्यक्रम के लिए 153696 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

प्रधानमंत्री 27अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों से करेंगे संवाद, लॉक डाउन हटाने व बढ़ाने पर लेंगे फैसला

पीएम सभी मुख्यमंत्रियों से करेंगे संवाद

  • पीएम के सामने गैर बीजेपी शासित राज्य के CM रखेंगे कई डिमांड ,

  • लॉकडाउन को बढ़ाने और न बढ़ाने के फैसला किया जाएगा.

  • PM मोदी की बैठक से पहले ही कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिखाए अपने तेवर,

  • पीएम मोदी देश भर के सीएम के साथ सोमवार को करेंगे बैठक

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे।
  • हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में ही केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए है।पीएम मोदी देश भर के सीएम के साथ सोमवार को करेंगे बैठक

पीएम सभी मुख्यमंत्रियों से करेंगे संवाद,

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू कर रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी की हुई बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग करते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार राज्यों का सहयोग नहीं करती है तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी. संयुक्त रूप से वित्तीय सहायता न देने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने हमला बोला था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में ही केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिये।

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू कर रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी की हुई बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग करते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार राज्यों का सहयोग नहीं करती है तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी. संयुक्त रूप से वित्तीय सहायता न देने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने हमला बोला.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार राज्यों की वित्तीय मदद करने के लिए आगे नहीं आएगी तो लॉकडाउन के बाद राज्यों में हालात किस तरह सामान्य हो पाएंगे. गहलोत ने संसाधनों की कमी को लेकर केंद्र सरकार से जांच किट, पीपीई किट, वेंटिलेटर समेत अन्य संसाधन खरीदकर राज्यों को देने की अपील की.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो टेस्ट किट राज्य सरकार को दिए हैं, वह फर्जी हैं. इससे जांच के नतीजे सही नहीं आ रहे हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में दो बातें उठाईं. कैप्टन ने कहा कि पंजाब को चीन से आई केवल 10 हजार रैपिड टेस्टिंग किट दी गईं. कैप्टन ने इस किट की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया और कहा कि इस किट की प्रमाणिकता साबित होनी अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी भी जीएसटी के मद का 4.4 हजार करोड़ रुपया नहीं जारी नहीं किया.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और प्रवासी मजदूरों का विषय हर राज्य के लिए चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस बारे में नीति बनानी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह इस मुद्दे पर चुप है. पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणसामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को कोई सहायता नहीं दी है. हम दुश्मन नहीं हैं और हमें मिलकर काम करना चाहिए. नारायणसामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के 600 करोड़ और वित्त आयोग से मिलने वाले 2200 करोड़ रुपये भी अभी तक नहीं दिए हैं.
सोनिया गांधी के साथ बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए जिस तरह से तेवर दिखाएं हैं. इससे माना जा रहा है कि सोमवार को भी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने इस रुख को और मुखरता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पेश कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के रुख को देखकर गैर बीजेपी सीएम भी अपने तल्ख तेवर दिखा सकते हैं.

दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में कोरोना को लेकर बिना विश्वास में लिए भेजी गई केंद्रीय टीम के मामले से लगातार खफा हैं. टीएमसी और बीजेपी एक दूसरे पर लगातार आरोप लगा रही हैं. ऐसे में टीएमसी की मोदी सरकार से जीएसटी का बकाया के भुगतान और केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टेस्ट किट को लेकर भी शिकायत है. इन दोनों मुद्दों को वह पीएम की बैठक में उठा सकती हैं.
वहीं, महाराष्ट्र पालघर के मसले पर सियासत गरमाई हुई है. ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी केंद्र पर तंज की तैयारी में हैं. प्रवासी मजदूरों को वापस उनके गृहराज्य भेजने की मांग और रेल सेवा खोलने की बात वे लगातार उठा रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि उद्धव गरीबों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों के साथ-साथ इस मुद्दे को भी प्रधानमंत्री के सामने रख सकते हैं.
ऐसे में सोमवार यानी 27 अप्रैल को होने वाली पीएम-सीएम वार्ता में गैरबीजेपी राज्यों की ओर से इन सभी मुद्दों की तीखी धार देखने को मिल सकती है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से उनके संबंधित राज्यों में हुए असर पर उनका फीडबैक लेंगे और राज्य में सामान्य कामकाज शुरू करने पर रायशुमारी होगी. इसी के बाद लॉकडाउन को बढ़ाने और न बढ़ाने के फैसला किया जाएगा.

कोरोना वायरस :- क्या 21 दिन से आगे भी बढ़ सकता है लॉक डाउन देखें पूरी न्यूज़

कोरोना वायरस

Corona virus lock down india

क्या कारगर है सिर्फ 21 दिनों का लॉकडाउन?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई बार इसका जिक्र किया है कि विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए 21 दिनों तक सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखने की बात कही है. इसी वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बार-बार यह बोला जा रहा था कि सोसियल डिस्टेंसिंग होना अनिवार्य है अर्थात आप एक दूसरे के पास में नहीं रहे और यह तभी होगा जब आप खुद के घर में रहेंगे इसीलिए नरेंद्र मोदी जी बार-बार अपील कर रहे हैं कि आप केवल घर पर रहे आपको जो मिल रहा है उसमें संतुष्ट रहे थोड़ा कम खा ले रुखा सुखा खा ले लेकिन इस जंग को यदि हम नहीं जीत पाए तो यह देश तबाह हो जाएगा इसलिए नरेंद्र मोदी संपूर्ण भारत वासी से आग्रह कर रहे हैं कि यदि कोरोनावायरस भारत में फैल जाता है तो भारत के पास इतनी मेडिकल सुविधाएं नहीं है जो संभाल सके जिसका नतीजा यह होगा कि रोड लोग रोड पर ही अपने प्राण गवाएंगे और ऐसी स्थिति में हम लोग कुछ कर भी नहीं पाएंगे क्योंकि सबको एक दूसरे के पास में जाने से डर लगेगा |

Corona virus lock down india

यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो आपको भी पता है लोक डाउन जारी रहेगा क्योंकि यदि जब तक 10 दिन तक लगातार पूरे भारत में कोई भी व्यक्ति के corona virus पॉजिटिव नहीं आएगा उस दिन बाद से माना जाएगा की स्थिति सुधरने को है लेकिन उसके बाद भी यह देखा जाएगा कि आने वाले 20 दिन तक कोई भी केस नहीं आ रहा है तो लॉक डाउन हटाने पर पर विचार किया जाएगा आप समझ सकते हैं कि की लॉकडाउनल खत्म करना हम सब भारतवासी के हाथ में है यदि हम सब भारत सरकार के नियमों की पालना करेंगे तो ही यह वायरस खत्म हो सकता है और खुद की मनमर्जी करेंगे तो आप घर पर ही बैठे रहोगे अब निर्धारण आपको करना है हमें घर पर रहकर परेशान होना है या इस बीमारी को जड़ से खत्म कर कर बाजार में अपना काम , शिक्षा को सुचारु रुप से चालू करना है |

Corona virus lock down india

कोरोना वायरस 

यह भी पढ़ें- सरकार का 1 लाख 70 हजार करोड़ का राहत पैकेज एलान

  • भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी
  • लॉकडाउन के दूसरे दिन सरकार ने खोला खजाना
  • तीन महीने तक के लिए सरकार ने की है तैयारी

दुनियाभर में तबाही मचा देने वाले कोरोना वायरस ने भारत में भी अपने पैर पसार लिए हैं. गुरुवार दोपहर तक देश में इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 650 पार कर चुकी है. इस बीच ये महामारी भारत में समुदाय के बीच ना फैले ऐसे में भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है. इस लॉकडाउन के दूसरे दिन मोदी सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया, लेकिन जिस तरह हर योजना को अगले तीन महीने के लिए तैयार किया गया उससे इस बात की संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि क्या ये लॉकडाउन का संकट 21 दिनों से बड़ा होने वाला है.

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सरकार ने खोला खजाना, 3 महीनों का प्लान तैयार

लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हुई जनता परेशान है और विपक्ष की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग लगातार हो रही थी. इस बीच गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सामने आईं और 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया.

निर्मला सीतारमण ने इस दौरान महिलाओं के खाते में राशि, मुफ्त गैस सिलेंडर, किसानों को आर्थिक मदद, कर्मचारियों के ईपीएफ में मदद जैसे बड़े ऐलान किए, लेकिन इनमें सिर्फ एक ही चीज कॉमन थी वो ये कि हर चीज की तैयारी 3 महीने के लिए की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश को कोरोना महामारी के मसले पर देश को संबोधित किया था, तब उन्होंने देशवासियों से दो-तीन हफ्ते मांगे थे. इसके बाद पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया, लेकिन 24 मार्च को 21 दिन का महाकर्फ्यू लगा दिया गया. यानी 14 अप्रैल तक लोगों को अपने घरों में कैद रहना है.

लेकिन अब जिस तरह से तीन महीने तक की राहतों का ऐलान किया जा रहा है, ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आगे की तैयारियों को लेकर आगे बढ़ रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है. सवाल उठ रहा है कि अगर कोरोना वायरस के हालात नहीं सुधरते हैं तो क्या लॉकडाउन को 21 दिन से बढ़ाकर अप्रैल-मई और जून तक जारी किया जा सकता है |

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