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कोरोना के साथ आई रहस्यमयी बीमारी बच्चों को बना रही शिकार, दिल पर करती है हमला

कोरोना के साथ आई रहस्यमयी बीमारी बच्चों को बना रही शिकार, दिल पर करती है हमला-

कोरोना वायरस (Coronavirus) जब दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है, तब पैरेंट्स के लिए थोड़ी राहत इस बात की है कि यह बच्चों को जल्दी अपना शिकार नहीं बनाता. लेकिन इस महामारी से जुड़ी ताजा रिपोर्ट डराने वाली है और इसने कई परिवारों, खासकर पैरेंट्स को चिंतित कर दिया है. यूरोप के बाद अब अमेरिका में भी कई बच्चों को रहस्यमयी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया है. यह बीमारी बच्चों के दिल और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती है.

 

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न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू एम. क्योमो ने बताया कि 112 बच्चों में इस रहस्यमय बीमारी के लक्षण पाए गए हैं, जिनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है. ये केस अमेरिका के 14 राज्यों में सामने आए हैं. राहत की बात यह है कि इस बीमारी का इलाज संभव है. ज्यादातर बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. ऐसे में पैरेंट्स को यह जानने की जरूरत है कि उन्हें इस बीमारी से जुड़ी कौन सी बातें जाननी जरूरी हैं.

कोविड-19 का शक, पर यकीन नहीं

अभी तक कोई नहीं जानता कि नया सिंड्रोम कहां से आया है, जिसे अब पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (PMIS) कहा जा रहा है. कई डॉक्टर इसे कोरोना वायरस से जोड़ते हैं. डॉ. इवा चेउंग पीएमआईएस सिंड्रोम के 35 मरीजों का इलाज कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि यह सिंड्रोम कोविड से संबंधित है.’

Covid-19 के बाद PIMS के शिकार हुए 

न्यूयॉर्क में जो बच्चे पीएमआईएस से प्रभावित हुए, उनमें से ज्यादातर कोविड-19 के शिकार हुए थे या वे इसके संपर्क में तो आए, लेकिन इससे संक्रमित नहीं हुए थे. कुछ बच्चों का कोविड-19 का टेस्ट निगेटिव आया और वे पीएमआईएस के शिकार हुए. इसलिए इस बारे में पूरे यकीन के साथ कुछ कह पाना मुश्किल है. डॉ. इवा चेउंग इस पर कहते हैं कि हो सकता है कि कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट गलत हो क्योंकि कई मामलों में इस वायरस की रिपोर्ट भरोसमंद नहीं रही है.

इम्यून सिस्टम की आक्रामकता से बदलाव

डॉ. ओफरी अमांफो कहते हैं कि संभव है कि कुछ बच्चे जब कोरोना वायरस के संपर्क में आए तो उनके मजबूत इम्यून सिस्टम ने उन्हें संक्रमण से बचा लिया. इस प्रकिया में इम्यून सिस्टम में जो आक्रामकता आई, उसने शरीर में कई बदलाव किए और इससे शरीर के दूसरे अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ा. इसका असर ब्लड प्रेशर पर पड़ा और अंतत: उन्हें लाइफ सपोर्ट की जरूरत पड़ी, ताकि उनके दिल और फेफड़ों को प्रभावित होने से बचाया जा सके.

 

सिंड्रोम की पहचान करना आसान

डॉ. जेम्स श्नाइडर कहते हैं कि राहत की बात यह है कि इस सिंड्रोम की पहचान करना आसान है. इसके लक्षण इतने गंभीर हैं कि पैरेंट्स इसे आसानी से पहचान सकते हैं. इसका शिकार होने पर बुखार आता है जो 101 डिग्री या इससे अधिक का हो सकता है. बुखार जल्दी नहीं उतरता. इसके अलावा पेट में तेज दर्द होता है. उल्टियां होती हैं. कुछ बच्चों के शरीर में चक्कते पड़ने लगते हैं, लेकिन सबमें ऐसा नहीं होता है. आंखें लाल हो जाती हैं. होंठ फट जाते हैं. जीभ में दर्द होता है. हाथ-पांव में सूजन आ जाती है. डॉ. श्नाइडर इस सिंड्रोम से पीड़ित 40 से अधिक बच्चों का इलाज कर चुके हैं.

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Lockdown 4: जानें 5 खास बाते इन राज्यों में क्या -क्या चल रही है प्लानिंग, सोमवार से हो रहा शुरू

Lockdown 4.0

  • देश में Coronavirus से बचाव के चलते Lockdown लगाया गया है.

  • वर्तमान में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. यह 17 मई तक लागू रहेगा..

Lockdown 4.0

 

 

 

 

 

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देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के चलते लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है. वर्तमान में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. यह 17 मई तक लागू रहेगा. 18 मई से लॉकडाउन 4 (Lockdown 4) शुरू होगा लेकिन यह इसके तीन चरणों से थोड़ा अलग होगा. सरकार की कोशिश है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में जमीन पर हालातों को सामान्य दिखाया जाए. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जहां तक मुमकिन है सबसे पहली राहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में दी जाएगी, जमीन पर और हवा में, यानी चिन्हित क्षेत्रों में हवाई व बस सेवाओं को शुरू किया जाएगा.

Lockdown 4.0

वित्त मंत्री का ऐलान-छोटे खादय-उधोगों को मिलेंगे 10 हजार करोड़।

किन राज्यों में कैसी चल रही है प्लानिंग- 5 बातें

  1. कई राज्यों में आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरा और राजधानी दिल्ली ने सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था और समाज के बड़े परतों को फिर से खोला जाए, जिसे पहले लॉकडाउन चरणों के दौरान बंद हो गए थे. उदाहरण के तौर पर आंध्र ने नॉन-कंटेनमेंट जोन में सभी आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों को फिर से खोलने प्रस्ताव दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस राज्य में COVID-19 के कुल 2,137 केस हैं और 11,422 लोग क्वारंटाइन हैं.
  2. दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से फीडबैक मिलने के बाद गुरुवार को मीडिया से बात करते वक्त बताया कि उन्हें कंटेनमेंट जोन छोड़कर आर्थिक गतिविधियों में ढील देने के सुझाव मिले हैं. उन्होंने दिल्ली में और अधिक प्रतिबंधों को हटाने के लिए आह्वान किया गया है.
  3. केरल का सबसे ज्यादा रेवन्यू टूरिज्म से ही आता है. इसी कारण केरल मेट्रो सेवा, लोकल ट्रेन, घरेलू फ्लाइट, रेस्टॉरेंट और होटल्स को फिर से खोलना चाहता है. भारत के पहले तीन कोरोनावायरस इसी राज्य से मिले थे. राज्य में कोरोना से संक्रमण फैलने की स्थिति पर काबू पाने कामयाब रहा है. कुल 560 कोरोना के मामले आए, जिसमें लगभग 500 ठीक हो गए हैं और केवल चार मौतें हुई हैं.
  4. कर्नाटक ने सोशल डिस्टेंसिंग को प्रोत्साहित करने और कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच करने के लिए कई सप्ताह पहले बंद किए गए रेस्तरां, होटल और व्यायामशालाओं समेत सार्वजनिक स्थानों को फिर से खोलने की अनुमति मांगी है. कर्नाटक में अभी कोरोनावायरस के 959 एक्टिव केस हैं. गृह मंत्रायल के डाटा के अनुसार, अभी 1,518 लोग आइसोलेशन में हैं. पिछले हफ्ते पब और बार को शराब की ब्रिकी की अनुमति प्रदान की गई है.
  5. तमिलनाडु ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए सुझाव दिया है. पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना के मामले ज्यादा संख्या में आए हैं, जिसकी वजह से इस अनुरोध को सावधानी के साथ देखे जाने की संभावना है. राज्य की राजधानी चेन्नई में एक सब्जी बाजार से करीब 2,600 से अधिक कोरोना के मामलों को जोड़ा गया है. 4,623 लोग राज्य में क्वारंटाइन में हैं, सोमवार से, दुकानों और निजी संगठनों के लिए काम के घंटे में विस्तार सहित राहत की घोषणा की.

 

देश में पांच में से चार मजदूर लॉकडाउन से प्रभावित, दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं

मजदूर लॉकडाउन से प्रभावित 

  • वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से सभी देश परेशान है।

  • सभी देशों में  लॉक डाउन की स्थिति है।

  • भारत में  केंद्र सरकार द्वारा संपूर्ण देश में योगदान किया गया था।

  • कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच सबसे कठिन जीवन उनका है जिनके पास दो वक्त की रोटी जुटाने का कोई सहारा नहीं है।

मजदूर लॉक डाउन से प्रभावित

दुनिया में हर पांच में चार मजदूर प्रभावित हैं। ऐसे परिवारों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है जो पहले से ज्यादा अब भुखमरी की कगार पर हैं।

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लॉकडाउन के चलते कुछ काम करने की स्थिति नहीं हैं जिससे उनका जीवन और तंगहाल होता जा रहा है।

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (आईएलओ) के अनुसार, दुनियाभर के कामगारों में पांच में से चार मजदूर लॉकडाउन में काम बंद होने के चलते प्रभावित हंै। ऐसे लोगों का कुल आंकड़ा करीब 330 करोड़ है। वहीं 106 करोड़ कामगारों को इस बात का खतरा है कि उनका रोजी रोटी का साधन पूरी तरह तबाह हो जाएगा। अर्जेंटीना में हालात पहले से ही खराब हैं। 4 करोड़ 40 लाख की आबादी में एक तिहाई लोग गरीबी में जी रहे हैं। महामारी से पहले 80 लाख लोग खाने की मदद मांग रहे थे, अब इसमें 30 लाख लोग और जुड़ गए हैं।

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मिस्र में 100 रुपये में कर रहे गुजारा

मिस्र में भी हालात खराब हो चुके हैं। देश की आधिकारिक स्टेटिस्टिक्स एजेंसी के अनुसार राजधानी काहिरा में 2 करोड़ लोग प्रभावित हैं क्योंकि उनका रोजगार बंद हो चुका है और नौकरियां जा चुकी हैं और लोग वापस अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। महामारी में कोई किसी से काम कराने को तैयार नहीं है।

मिस्र में करीब रोजाना करीब 100 रुपये में गुजारा करने को मजबूर हैं। छह फीसदी लोग अत्यंत गरीबी में जी रहे हैं। सरकार ने राहत के लिए हर महीने 2200 रुपये आर्थिक मदद देने की बात भी कही है जिससे अत्यंत गरीब लोगों के जीवन को बचाया जा सके

Coronavirus पर सख्त हुई सरकारे ,सार्वजनिक स्थल पर बिना मास्क पाए जाने पर लगेगा ₹200 जुर्माना

इन बातों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्मान

  • सार्वजनिक स्थानों पर मुंह को ढकना अनिवार्य हो गया है.

  • अगर आप सड़क पर बगैर मास्क पहने निकलेंगे, तो आपसे 200 रुपये जुर्माना लिया जाएगा

  • राजस्थान सरकार ने जारी किया आदेश

  • राजस्थान में कोरोना से 68 लोगों की मौत

इन बातों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्मना

  •  राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर सभी जिलाधिकारियों को ऐसा आदेश दिया है.
  • नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर कोई दुकानदार बगैर मास्क पहने किसी शख्स को सामान बेचता है, तो उसपर भी जुर्माना लगाया जाएगा.
  • कोरोनावायरस महामारी के हालातों को देखते हुए राजस्थान में सार्वजनिक जगहों पर बैठे हुए लोगों से 200 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. पान, तंबाकू, गुटखा आदि थूकने पर भी 200 रुपये का जुर्माना है.
  • वहीं, पब्लिक प्लेस में शराब पीने वाले लोगों से 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा.

दुनिया में

35,26,344मामले

21,45,320सक्रिय

11,33,059ठीक हुए

2,47,965मौत

कोरोनावायरस अब तक 187 देशों में फैल चुका है. May 4, 2020 6:14 pm बजे तक दुनियाभर में कुल 35,26,344 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 2,47,965 की मौत हो चुकी है. 21,45,320 मरीज़ों का उपचार जारी है और 11,33,059 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. .

भारत में

42,836मामले

29,685सक्रिय

11,762ठीक हुए

1,389मौत

भारत में, 42,836 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 1,389 मौत शामिल हैं. May 4, 2020 5:00 pm बजे तक भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 29,685 है और 11,762 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

  • शराब या तंबाकू से जुड़े उत्पाद बेचने पर दुकानदारों पर 500 रुपये का फाइन लगाया जाएगा.
  • अगर कोई दुकानदार अपनी दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता है या दुकान पर एक समय में पांच से ज्यादा लोग मिलते हैं, तो भी दुकान मालिक से 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
  • सार्वजनिक जगहों पर अगर कोई व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग (दूसरे शख्स से कम से कम 6 फीट की दूरी) का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो उसपर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
  • वहीं, शादी या किसी अन्य तरह के भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम की प्रशासन को पूर्व सूचना न देने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

इस राज्य में 11 वीं के छात्रों को बिना परीक्षा दिए 12वीं में भेजा जाएगा जाएंगा..

 11वीं के छात्रों को किया जाएगा पास

  • Coronavirus: इस राज्य में 11वीं के छात्रों को किया जाएगा पास,

  • बिना परीक्षा दिए 12वीं में भेजे जाएंगे स्टूडेंट्स

    मणिपुर सरकार ने राज्य के स्कूलों के ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रोन्नत करने को मंजूरी दे दी

  • . लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से सरकार को अंतिम वार्षिक परीक्षा को रद्द करना पड़ा.

11वीं के छात्रों को किया जाएगा पास

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
शिक्षा आयुक्त (स्कूल) टी रंजीत सिंह ने सोमवार को एक अधिसूचना में कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के प्रकोप को देखते हुए शैक्षणिक वर्ष (2019-20) के लिए 11वीं कक्षा की परीक्षा नहीं हो पाएगी और छात्रों को आवधिक परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर 12वीं कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा.
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद मणिपुर द्वारा आयोजित कक्षा 11वीं की परीक्षा पांच विषयों में प्रश्न पत्र लीक होने के बाद फरवरी के मध्य में रद्द कर दी गई थी. परिषद ने तब घोषणा की थी कि पांच विषयों की परीक्षा बाद में आयोजित की जाएगी. हालांकि अब हालातों को देखते हुए 11वीं के छात्रों को बिना एग्जाम दिए ही पास करने का फैसला लिया गया है.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) 11वीं क्लास और कॉलेज के स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम दिए ही पास करने का फैसला सुनाया था. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) की 10वीं की परीक्षाएं पहले ही आयोजित हो चुकी हैं और अभी पेपर के जांचने की प्रक्रिया चल रही है.  पश्चिम बंगाल बोर्ड की उच्च माध्यमिक परीक्षा यानी 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं जून के महीने में आयोजित की जाएंगी.

प्रधानमंत्री 27अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों से करेंगे संवाद, लॉक डाउन हटाने व बढ़ाने पर लेंगे फैसला

पीएम सभी मुख्यमंत्रियों से करेंगे संवाद

  • पीएम के सामने गैर बीजेपी शासित राज्य के CM रखेंगे कई डिमांड ,

  • लॉकडाउन को बढ़ाने और न बढ़ाने के फैसला किया जाएगा.

  • PM मोदी की बैठक से पहले ही कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिखाए अपने तेवर,

  • पीएम मोदी देश भर के सीएम के साथ सोमवार को करेंगे बैठक

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे।
  • हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में ही केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए है।पीएम मोदी देश भर के सीएम के साथ सोमवार को करेंगे बैठक

पीएम सभी मुख्यमंत्रियों से करेंगे संवाद,

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू कर रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी की हुई बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग करते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार राज्यों का सहयोग नहीं करती है तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी. संयुक्त रूप से वित्तीय सहायता न देने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने हमला बोला था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में ही केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिये।

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू कर रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को सुबह देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी की बैठक से पहले ही राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गई है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में केंद्र के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी की हुई बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग करते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार राज्यों का सहयोग नहीं करती है तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी. संयुक्त रूप से वित्तीय सहायता न देने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने हमला बोला.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार राज्यों की वित्तीय मदद करने के लिए आगे नहीं आएगी तो लॉकडाउन के बाद राज्यों में हालात किस तरह सामान्य हो पाएंगे. गहलोत ने संसाधनों की कमी को लेकर केंद्र सरकार से जांच किट, पीपीई किट, वेंटिलेटर समेत अन्य संसाधन खरीदकर राज्यों को देने की अपील की.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो टेस्ट किट राज्य सरकार को दिए हैं, वह फर्जी हैं. इससे जांच के नतीजे सही नहीं आ रहे हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में दो बातें उठाईं. कैप्टन ने कहा कि पंजाब को चीन से आई केवल 10 हजार रैपिड टेस्टिंग किट दी गईं. कैप्टन ने इस किट की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया और कहा कि इस किट की प्रमाणिकता साबित होनी अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी भी जीएसटी के मद का 4.4 हजार करोड़ रुपया नहीं जारी नहीं किया.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और प्रवासी मजदूरों का विषय हर राज्य के लिए चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस बारे में नीति बनानी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह इस मुद्दे पर चुप है. पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणसामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को कोई सहायता नहीं दी है. हम दुश्मन नहीं हैं और हमें मिलकर काम करना चाहिए. नारायणसामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के 600 करोड़ और वित्त आयोग से मिलने वाले 2200 करोड़ रुपये भी अभी तक नहीं दिए हैं.
सोनिया गांधी के साथ बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए जिस तरह से तेवर दिखाएं हैं. इससे माना जा रहा है कि सोमवार को भी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने इस रुख को और मुखरता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पेश कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के रुख को देखकर गैर बीजेपी सीएम भी अपने तल्ख तेवर दिखा सकते हैं.

दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में कोरोना को लेकर बिना विश्वास में लिए भेजी गई केंद्रीय टीम के मामले से लगातार खफा हैं. टीएमसी और बीजेपी एक दूसरे पर लगातार आरोप लगा रही हैं. ऐसे में टीएमसी की मोदी सरकार से जीएसटी का बकाया के भुगतान और केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टेस्ट किट को लेकर भी शिकायत है. इन दोनों मुद्दों को वह पीएम की बैठक में उठा सकती हैं.
वहीं, महाराष्ट्र पालघर के मसले पर सियासत गरमाई हुई है. ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी केंद्र पर तंज की तैयारी में हैं. प्रवासी मजदूरों को वापस उनके गृहराज्य भेजने की मांग और रेल सेवा खोलने की बात वे लगातार उठा रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि उद्धव गरीबों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों के साथ-साथ इस मुद्दे को भी प्रधानमंत्री के सामने रख सकते हैं.
ऐसे में सोमवार यानी 27 अप्रैल को होने वाली पीएम-सीएम वार्ता में गैरबीजेपी राज्यों की ओर से इन सभी मुद्दों की तीखी धार देखने को मिल सकती है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से उनके संबंधित राज्यों में हुए असर पर उनका फीडबैक लेंगे और राज्य में सामान्य कामकाज शुरू करने पर रायशुमारी होगी. इसी के बाद लॉकडाउन को बढ़ाने और न बढ़ाने के फैसला किया जाएगा.

रमजान में मस्जिद में नमाज पर पूरी तरह रोक,रोजा अपने-अपने घरों में रह करें

राज्य सरकारों की एडवाइजरी

  • कोरोना संक्रमण: रमजान में रोजा-नमाज को लेकर राज्य सरकारों ने जारी  की आदेश ।
  • एडवाइजरी के अंतर्गत रमजान में मस्जिद में नमाज पर पूरी तरह रोक।
  • मुस्लिम नमाज-रोजा अपने-अपने घरों में रह करें

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच इस बार मुसलमानों का पवित्र रमजान का महीना शुरू हो रहा है. देश भर में मुस्लिम समुदाय पहला रोजा शनिवार को रखेंगे. कोरोना संकट के बीच मुस्लिम समुदाय को रोजा रखना और अपने-अपने घरों से ही नमाज पढ़नी होगी. देश के अल्पसंख्यक मंत्रालय से लेकर तमाम राज्य सरकारों ने रमजान को लेकर निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुसलमानों से अपील की है कि कोरोना की वजह से एहतियात बरतें और घर से नमाज-रोजा करें.

यूपी सरकार का रमजान को लेकर एडवाइजरी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रमजान को लेकर निर्देश जारी किए हैं. प्रशासन ने धर्मगुरुओं, मौलवियों व मौलानाओं से संवाद स्थापित कर यह तय किया है सहरी व इफ्तार के समय किसी भी प्रकार की भीड़ इकट्ठी नहीं होनी चाहिए. योगी ने लोगों से शहरी व इफ्तार घर पर ही करने की अपील की है, जिसका मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुख्यमंत्री की अपील का समर्थन किया है.

राज्य सरकारों ने एडवाइजरी

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने रमजान के दौरान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. डीजीपी ने भी लोगों से रमजान में घरों पर ही नमाज पढ़ने और दूरी का पूरा ध्यान रखने की अपील की है. डीजीपी ने सभी एडीजी जोन, आइजी व डीआइजी रेंज, एसएसपी व एसपी को रमजान के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं. इसके अलावा सार्वजनिक इफ्तार पार्टियों पर करने से मना किया गया है. सरकार ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी करेगी.

दिल्ली में रमजान को लेकर एडवाइजरी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि कोरोना की महामारी के चलते रमजान में भी कोई ढील नहीं दी जा सकती है. हालांकि, मनीष सिसोदिया ने कहा कि अजान के लिए कोई पाबंदी नहीं है. लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंदी है.
दिल्ली पुलिस के संदेश में भी कहीं अजान पर रोक लगाए जाने की बात नहीं है. प्रशासन ने रोजा और इफ्तार के दौरान सभी लॉकडाउ के नियमों का पालन करें और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों के मुताबिक अजान की जा सकती है। दिल्ली पुलिस ने सभी से घरों के अंदर रहकर ही नमाज पढ़ने की अपील की है. मस्जिद में तरावीह की नमाज नहीं होगी.

हरियाणा सरकार के निर्देश

कोरोना महामारी फैलने के मद्देनजर लगे लॉकडाउन में हरियाणा की सरकारों ने मुस्लिमों से रमजान को लेकर विशेष अपील है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि रमजान का महीना शुरू हो रहा है, इस बार सामाजिक दूरी रखते हुए इसे मनाएं. घर पर ही रहकर नमाज-रोजा अदा करें. मुस्लिम समुदाय ऐसा करके अपने आप को और दूसरों को महामारी से सुरक्षित करेगा. इसके अलावा सरकार ने सार्वजानिक धार्मिक कार्य को करने से मना किया है.

पंजाब सरकार ने जारी एडवाइजरी

पंजाब सरकार ने कोरोना के मद्देनजर पवित्र रमजान महीने को सुरक्षित ढंग से मनाने के लिए एक एडवाइजरी जारी किया है. पंजाब सरकार ने स्वतंत्र आवागमन और जलसा आदि करने पर भी रोक लगाई है. राज्य सरकार ने मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया है कि वह सभी दिशा निर्देशों की सावधानीपूर्वक पालन करें. कोरोना के फैलाव के चलते रमजान के दौरान सभी मस्जिदों, दरगाहों, इमामबाड़ों और अन्य धार्मिक संस्थाएं बंद रहेंगी और लोगों को जलसा करके नमाज (नमाज-ए-बाजमात) अदा करने, जुमे की नमाज समेत तरावीह की नमाज अदा करने की पूरी तरह से मना किया है.
पंजाब सरकार ने इफ्तार पार्टियां और दावत-ए-सेहरी नहीं करने के निर्देश दिए हैं. मस्जिद परिसर के अंदर जूस, शरबत या खाने-पीने की अन्य चीजों या घर-घर जाकर बांटी जाने वाली चीजों के सार्वजनिक वितरण पर पूरी तरह पाबंदी है. इसके अलावा खाने-पीने की वस्तुओं की दुकानों, रेहडिय़ों को मस्जिद के नजदीक लगाने नहीं दिया जाएगा.पंजाब सरकार ने कहा कि अगर किसी को पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग आदि से पीड़ित व्यक्ति सही डॉक्टरी सलाह के बाद ही रोजा रखे. इसके अलावा मस्जिद से इफ्तार और सहरी की अनाउंस करने की अनुमति होगी.

कर्नाटक सरकार की अपील

कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने रमजान में मस्जिदों में सामूहिक नमाज के साथ-साथ दावत-ए-सहरी व इफ्तार पार्टी पर भी रोक लगा दी गई है. कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को जानकारी दी है. रमजान के दौरान मस्जिदों में पांच बार की सामूहिक इबादत करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएगी और ना ही मस्जिदों के कर्मचारियों द्वारा नमाज अदा करने के लिए जनता को बुलाया जाएगा।

इसके अलावा धीमी आवाज में अजान देने की अनुमति दी है. मस्जिद परिसर में मोहल्‍लों में वितरण के लिए किसी खाद्य सामग्री को तैयार नहीं किया जाएगा. इसके अलावा मस्जिद और दरगाह के आस पास कोई खाने की दुकान लगाने की भी इजाजत नहीं होगी. ऐसा न करने पर उल्‍लंघन करने वाले के खिलाफ वक्‍फ ऐक्‍ट 1995 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

सरकार द्वारा कोटा से राजस्थान के बच्चों को गृह नगर जाने की की गई व्यवस्था.

गृह नगर जाने की व्यवस्था

  • कोरोनावायरस के चलते  पूरे भारत देश में लोग डाउन  किया गया था।

  •   इस कारण कोटा में  फंसे  विद्यार्थियों को  गृह नगर जाने के लिए  राजस्थान सरकार द्वारा  बसों की गई व्यवस्था।

गृह नगर जाने की व्यवस्था
24 अप्रैल,2020
शाम – 6बजे
बीकानेर ,बाड़मेर, हनुमानगढ़,जैसलमेर, श्री गंगानगर ।
शाम 7 बजे
जोधपुर, सिरोही,झुंझुनूं, चुरू ,जालौर ।
शाम 8 बजे ।
बांसवाड़ा, धौलपुर, पाली,नागौर ,डूंगरपुर, सीकर,अलवर,भरतपुर ।
रात्रि 9 बजे
करौली, राजसमंद, जयपुर,दौसा, प्रतापगढ़, उदयपुर ।
25 अप्रैल ,2020
सुबह 10 बजे
सवाईमाधोपुर, टोंक ,भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर ।
इस कार्य हेतु कोइ भी सहायता की आवश्यकता हो तो आप
*ओम तोषनीवाल*
उपनिदेशक, समाज कल्याण विभाग, कोटा m. no. 94141 21710 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

बीते 24 घंटों में 38 की मौत, कुल मरीजों की संख्या 23,134

Coronavirus India Updates

केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस  के मामलों की संख्या 23 हजार से पार हो गई है.

  • पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1684 नए मामले सामने आए हैं और 37 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 718 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 4,749 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.
  • भारत के पास कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये संसाधनों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता के प्रति विश्व स्वास्थ्य संगठनड ब्ल्यूएचओ को आश्वस्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये कारगर रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है.

Coronavirus India Updates 

  • डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरोना के विश्वव्यापी संकट से निपटने के लिये भारत में किये जा रहे उपायों पर डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एक संवाद सत्र में भाग लेते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘विश्व में कोविड-19 की मौजूदा चिंताजनक स्थिति को देखते हुये मरने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए विशेष उपायों की आवश्यकता है!

कोरोना से डरे नहीं, लड़े जाने कैसे और कहां मिलेगी मदद

How to fight coronavirus

कोरोना से डरे, नहीं लड़े

कोरोना से डरें नहीं, लड़ें, जानें कहां और कैसे मिलेगी मदद, कोई सवाल हो तो पढ़ें पूरी खबर

पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण लोग दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों से पैदल ही घर के पलायन कर रहे हैं, लेकिन यह वक्त पलायन का नहीं बल्कि जहां हैं, वहीं रहने का है। यदि आपको कोई समस्या है तो सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। तो ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमसे पूछ सकते हैं। फिलहाल आइए कुछ आम सवालों के जवाब जानते हैं?

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कोरोना डरे नहीं लड़े

(How to fight coronavirus)

1. कोरोना का असर कम से कम कितने दिन में पता चल रहा है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय होता है।

2. दरवाजे के हैंडल को कैसे सैनेटाइज करें?
किसी कपड़े में सैनेटाइजर लेकर दरवाजे के हैंडल को साफ किया जा सकता है। इसके अलावा गर्म पानी में डिटॉल डालकर उससे भी सफाई हो सकती है।

3. हल्का बुखार, थकान, गले में खरास, सिर में दर्द क्या ये कोरोना के लक्षण हो सकते हैं?
इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है जिसकी वजह से पहले बुखार, उसके बाद सूखी खांसी आती है। बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है। ज्यादा दिक्कत है तो हेल्पलाइन नंबर 1075 पर कॉल करके बात करें !

4. कोरोना को फैलने से रोकने के लिए आपको क्या करना चाहिए?

  • मास्क का प्रयोग करें !
  • किसी भी वस्तु को छूने के पश्चात साबुन से हाथ धोएं!
  • बाहर कम से कम जाएं!
  • लोगों से  दूरी बनाए रखें थोड़ा भी तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सक की सलाह ले
  • ठंडी चीजें खाने से बच्चे

ठंडी चीजें खा सकते हैं या नहीं?
ठंडी चीजें खाने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन अभी मौसम बदल रहा है तो आपको आईसक्रीम जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए। ज्यादा ठंडी चीजों के खाने से सर्दी जुकाम हो सकता है।

आम सवाल और उनके जवाब
1. यदि आप सामान्य बीमार हैं या कोरोना का लक्षण है तो किससे संपर्क करें

अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं तो नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर आपातकालीन वार्ड में सेवाएं ले सकते हैं। सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं।

2. कोरोना के लक्षण हैं, कहां जांच करवानी चाहिए? लैब कहां और कितने पैसे लगेंगे?
कोरोना संक्रमण की जांच कराने से पहले आपको यह तय करना होगा कि आप हाल में विदेश से लौटे हैं या फिर विदेश से आए व्यक्ति के संपर्क में आए हैं? अगर नहीं तो सरकार के अनुसार आपको जांच कराने की जरूरत नहीं है। कोरोना की जांच सरकारी व प्राइवेट लैब दोनों जगह उपलब्ध है। प्राइवेट में जांच के लिए सरकार ने 1500 रुपये स्क्रीनिंग और 3 हजार रुपये टेस्टिंग के लिए तय किए हैं। इसके अलावा आप https://www.icmr.nic.in वेबसाइट पर जाकर भी निजी या सरकारी लैब का नाम और पता की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस वक्त देश में कोरोना जांच की प्रक्रिया सभी जगह एक जैसी है।

3. शहर में कौन से डॉक्टर मदद कर रे हैं? किस डॉक्टर से संपर्क करें?
अभी तक क्षेत्रीय स्तर पर डॉक्टरों की सूची सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन दिल्ली एम्स की तरह कुछ अस्पताल टेली सलाह सेवाएं दे रहे हैं। एम्स के हेल्पलाइन नंबर 9999635940 व 9999635425 पर फोन या व्हाट्सएप के जरिये डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं।

4. किसी क्षेत्र में दूध, फल और सब्जियां कब और कहां मिलेंगी?
सभी क्षेत्रों में दूध, सब्जी, फल, दवाएं इत्यादि की सेवाएं सुचारु रुप से चल रही हैं। ग्रोफर्स, व बिग बॉस्केट जैसी ई-कॉमर्स सेवाएं भी संचालित हैं। इसके अलावा खाना भी आप ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं। जरूरत पड़ने पर आप यहां से मदद ले सकते हैं।

5. अपने लिए ई-पास लेने की क्या प्रक्रिया है?
केवल आवश्यक सेवाएं देने वाले अपना व अपने वाहन के लिए ई-पास प्राप्त कर सकते हैं। पास बनवाने के लिए दिल्ली सरकार ने व्हाट्सएप नंबर जारी किए हैं। हर जिले के अलग अलग नंबर हैं जिनकी जानकारी 1031 पर मिल सकती है।

6. आपातकाल में मदद कहां से मिल सकती है?
पुलिस या एंबुलेंस की मदद के लिए आप हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। दिल्ली कैट्स एंबुलेंस सेवा के लिए 102 और पुलिस की हेल्पलाइन नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। इन हेल्पलाइन नंबर 22391014, 22301028, 22302441, 22307133, 22304568, 22307745, 22307135, 22307145, 22300012, 22300036… पर संपर्क कर सकते हैं। सभी नंबर्स के पहले 011 कोड लगा लें। इसके अलावा टॉल फ्री नंबर 1075 या 011-23978046 पर कोरोना से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। यह स्वास्थ्य मंत्रालय का हेल्पलाइन नंबर है। जनऔषधि केंद्र की जानकारी हेल्पलाइन नंबर 18001808080 पर प्राप्त कर सकते हैं।