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UP Shaman Yojana 2020
प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई नई योजना के अंतर्गत अब अवैध निर्माणों को शुल्क देकर वैध किया जा सकता है।
इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यमों से खुल चुकी है। आवेदकों से अनुरोध है कि जल्द
ही आवेदन भेज कर इस योजना का लाभ उठाएं। आवेदन की प्रक्रिया 20 जनवरी 2021 तक चलेगी।
इस योजना के अंतर्गत सेट बैक और ग्राउंड कवरेज आने से 2 गुना लाभ मिलेगा।
अगर आप इस योजना के अंतर्गत आवेदन देना चाहते हैं तो सरकार ने ऑफलाइन एवं ऑनलाइन फॉर्म फिल अप की
सुविधा प्रदान की है।
अगर आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो आप आवास बंधु की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भार सकते हैं।
पोर्टल आपको अपना नाम, आपके पिता का नाम, जन्म तिथि और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा जिसके बाद आपको सेंड
ओटीपी के विकल्प पर क्लिक करना है।
इसके बाद जरूरी कागज़ात दर्ज करके आप अपनी आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
अगर आप ऑफलाइन फॉर्म भरने की सोच रहे हैं तो आपको उससे जुड़ी सारी जानकारी हेल्प डेस्क पर जाकर क्या जीडीए के स्वागत कक्ष पर जाकर ले सकते हैं। जेडीए सचिव संतोष कुमार ने बताया है लोगों को यह योजना समझने में वक्त लग रहा है इसी वजह से पूछताछ ज्यादा चल रही है। UP Shaman Yojana 2020
15 जुलाई से पहले हुए निर्माण कार्य को इस योजना के तहत राहत मिलेगी। इस योजना में आवेदन भरने की आखिरी तिथि 20 जनवरी 2021 है। आवेदन तिथि के खत्म होने के बाद ही आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा।
500 वर्ग मीटर से अधिक या फिर ग्रुप हाउसिंग जिसमें 7 या उससे अधिक फ्लैट होंगे उन्हें शुल्क देकर वैध कराया जा सकता है।
इसमें केवल वही संपत्तियां पात्र होंगी जिनकी सैलरी 30 अप्रैल 2016 तक की है।
स्वयं की जमीन पर बने हुए बेसमेंट को भी शमन योजना से वैध कराया जा सकता है।
पार्किंग स्थल पर किए गए निर्माण के बदले 100 मीटर की दूरी पर पार्किंग की व्यवस्था को वैध किया जाएगा।
सेटबैक और ग्राउंड कवरेज में पहले के मुताबिक दुगना लाभ दिया जाएगा।
3000 वर्ग मीटर से कम के क्षेत्रफल की जमीन को विभाजित करने पर भी शमन की सुविधा है।
300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक एकल आवासीय भवनों हेतु शमन शुल्क की दरें निर्धारित दरों की 50 प्रतिशत होंगी।
निम्न एवं लघु-मध्यम वर्ग (100 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल के भूखंड) हेतु शमन शुल्क की दरें में निर्धारित दरों से 25 प्रतिशत
की छूट होगी।
चैरिटेबल संस्थाएं जिन्हें आयकर अधिनियम 1961 की धारा -80 (जी) के अंतर्गत छूट प्राप्त हो तथा सार्वजनिक क्षेत्र
द्वारा प्रावधानित संस्थाओं/सेवाओं और शिक्षण संस्थाओं हेतु शमन शुल्क की दरें भूमि मूल्य क्या 12.5 प्रतिशत होगी।
इस स्कीम के अंतर्गत आवासीय भवनों के लिए प्रोसेसिंग फी केवल एक रूपए प्रति वर्ग मीटर लगेगी और वरवसायिक भवनों में दो रूपए प्रतिवर्ग मीटर लगेगी। स्व-मूल्यांकित शमन शुल्क के साथ तय प्रपत्र पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। भवन की फोटो और मानचित्र को वास्तुविद प्रमाणित करेगा। कुल शुल्क के साथ जमा शमन मानचित्र ही डीम्ड एप्रूव्ड माना जाएगा। शुल्क को किस्तों के रूप में तीन महीने के अंतराल में भी जमा किया जा सकेगा।
शमन की दरें 100 प्रतिशत तक कम की गई है।
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