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श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों के कल्याण के लिए पहले से ही कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
इसी क्रम में अब श्रमिक कल्याण मंडल ने खेल में रुचि रखने वाले श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों के लिए भी प्रोत्साहन योजना शुरू की है।
निर्माण श्रमिक अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगियों के लिए प्रोत्साहन योजना के
अन्तर्गत अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने अथवा
पदक जीतने वाले प्रतिभागियों को 2 लाख रुपए से 11 लाख तक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
इस संबंध में श्रम विभाग की ओर से अधिसूचना भी जारी की गई है।
श्रम विभाग के श्रम एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल की ओर
से श्रमिकों के बच्चों के मैरिट में आने पर एक लाख रुपए की सहायता,
आरएएस और आईएएस प्री उत्तीर्ण करने पर 50 हजार से एक लाख रुपए और
आईआईटी ओर आईआईएम में प्रवेश मिलने पर ट्यूशन फीस मंडल द्वारा वहन करने की योजना शुरू की।
इसी क्रम में मंडल ने अब श्रमिकों के ऐसे बच्चे जो खेलकूद में प्रतिभावान हैं,
को निर्माण श्रमिक अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगियों के लिए प्रोत्साहन योजना में लाभांवित करने का निर्णय लिया है।
संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त ओपी सहारण ने बताया कि इस योजना में केवल वे श्रमिक ही पात्र होंगे
जो मंडल में पंजीकृत हैं और निरंतर अंशदान करा रहे हैं।
किसी भी ऑनलाइन गेमिंग/बैटिंग संबंधी प्रतियोगित हेतु योजना के प्रावधान लागू नहीं होंगे।
आवेदक को ऑनलाइन पोर्टल www.idms.rajasthan.gov.in पर आवेदन करना होगा।
वहीं, जिला श्रम कल्याण अधिकारी हसीना बानो ने बताया कि
निर्माण श्रमिकों के लिए वित्तीय संस्थाओं द्वारा
अधिकतम 5 लाख रूपए तक स्वीकृत ऋण पर ब्याज का पुर्नभरण मण्डल द्वारा किया जाएगा।
1. प्रतियोगिता में भाग लेने पर बच्चों को – 2 लाख रुपए
2. कांस्य पद प्राप्त करने पर – 5 लाख रुपए
3. रजत पदक प्राप्त करने पर खिलाड़ियों को- 8 लाख रुपए
4. स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर खिलाड़ियों को -11 लाख रुपए
इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगें, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत हैं
तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।
उक्त के अतिरिक्त निर्माण श्रमिक के अविवाहित पुत्र एवं पुत्री भी योजना के अन्तर्गत सहायता के पात्र होगे।
2. किसी भी ऑनलाइन गेमिंग/बैटिंग संबंधी प्रतियोगिता हेतु योजना के प्रावधान लागू नहीं होगे।
3. अन्र्तराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता आयोजित करने वाली संस्था द्वारा डोपिंग के कारण किसी खिलाड़ी को अमान्य घोषित किये जाने अथवा जीते गए पदक को अमान्य/वापस लिए जाने की घोषणा के उपरान्त योजनान्तर्गत कोई प्रोत्साहन राशि देय नहीं होगी।
4. हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सहायता आवेदन में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है,
तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।
Download निर्माण श्रमिक अन्र्तराष्ट्रीय खेल प्रतियोगियो हेतु प्रोत्साहन योजना Details & Form – Click Here |