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कृषि उपकरण अनुदान योजना
खेतों में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कृषि यंत्रीकरण उपमिशन नामक स्कीम शुरू की है।
इसके तहत जुताई, बुआई, पौधारोपण, फसल कटाई और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीनों की
खरीद आसान होगी।
सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में कृषि यंत्रों के बिना खेती की कल्पना नहीं की जा सकती है।
अधिकांश किसान आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से महंगे कृषि यंत्र खरीद नहीं पाते हैं।
इन्हीं बिंदुओं के मद्देनजर लघु और सीमांत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार
ने देश में 42 हजार कस्टम हायरिंग केंद्र बनाए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों को कस्टम हायरिंग केंद्र बनाने के लिए विशेष सुविधा दी गई।
इसमें 100 फीसदी आर्थिक मदद देने का फैसला लिया गया है।
जिस योजना में शत-प्रतिशत सब्सिडी है उसमें अधिकतम 1.25 लाख रुपए मिलेंगे। इसके अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसान
समूह मशीन बैंक बनाने पर 10 लाख रुपए खर्च करते हैं तो उन्हें 95 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
इस योजना में अन्य क्षेत्रों के सामान्य श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत और एससी, एसटी, महिला व लघु सीमांत किसानों
को 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
देश के किसानों को आसानी से कृषि उपकरण उपलब्ध हो सके, इसके लिए सरकार ने ‘सीएचसी फार्म मशीनरी
(CHC Farm Machinery) मोबाइल एप शुरू किया है।
इस एप के माध्यम से किसानों को अपने क्षेत्र के कस्टम हायरिंग सेवा केंद्र के जरिए किराए पार ट्रैक्टर सहित खेती से जुड़ी सभी
तरह की कृषि मशीनरी आसानी से मिले सकेगी। यह मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू सहित 12 भाषाओं में
उपलब्ध है।
इस समय देश में 41,992 सीएचसी बन चुके हैं, जिनमें खेती से जुड़ी 1,33,723 मशीनें हैं।
इस एप पर किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर्स के जरिए खेती से जुड़ी मशीन व ट्रैक्टर किराए पर दी जाएगी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों के लिए विशेष सुविधा दी गई है।
जिसमें कस्टम हायरिंग केंद्र बनाने के लिए 100 फीसदी आर्थिक मदद मोदी सरकार ने देने का फैसला लिया है।
लेकिन जिस स्कीम में शत प्रतिशत सब्सिडी है उसमें अधिकतम 1.25 लाख रुपये मिलेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसान समूहों यदि मशीन बैंक बनाने पर 10 लाख रुपये तक का खर्च करते हैं तो उन्हें 95 प्रतिशत सब्सिडी
मिलेगी।
देश में ऐसी स्कीम कम ही हैं जिन पर इतनी अधिक सब्सिडी दी जाती है।
देश के अन्य अन्य क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी वाले किसानों को 40 प्रतिशत मदद मिलेगी।
जबकि एससी, एसटी, महिला व लघु-सीमांत किसानों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी मिलेगी।
किराए पर किसानों को उनके घरों में ही कृषि मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बनाए जा रहे हैं।
इसके लिए यदि कोई किसान व्यक्तिगत रूप से प्रोजेक्ट बना रहा है तो उसे 60 लाख रुपये तक की परियोजना लागत का 40 प्रतिशत पैसा सरकार की ओर से मिलेगा।
किसानों के समूहों को 10 लाख रूपए तक की परियोजना लागत का 80 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता मिलेगी।
ओला, उबर की तर्ज पर किराए पर मिलेंगे कृषि उपकरण व ट्रैक्टर।
50 किलोमीटर टायरे में उपलब्ध उपकरणों की जानकारी सुलभ होगी।
किसान मनमर्जी के सस्ती दरों पर उपकरणों का चुनाव कर सकेगा।
जिस किसान को सब्सिडी पर कृषि उपकरणों की आवश्यकता है, उसे ये कदम उठाने होंगे।
सबसे पहले सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
किसान सीएससी पर जाकर सीएचसी संचालक को अपनी पसंद का यंत्र सीएचसी संचालक को बचा सकता है।
इसके बाद सीएचसी सेंटर संचालक https://register.csc.gov.in पर आवेदन करके किसान को
एक आवेदन नंबर देगा।
इसके अलावा किसान साइबर कैफे से भी आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए किसान को https://agrimachinery.nic.in पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप
– http://bit.ly/TJN50K1
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